लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार केस: योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का किया था विरोध

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उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ितों के गवाहों और परिवारों की सुरक्षा के लिए सभी प्रयास किए हैं। वहीं, यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध किया था।

लखीमपुर खीरी

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ितों के गवाहों और परिवारों की सुरक्षा के लिए सभी प्रयास किए हैं। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि सभी गवाहों को उनकी सुरक्षा स्थितियों के मूल्यांकन के लिए पुलिस द्वारा नियमित रूप से संपर्क किया गया है।

इसके अलावा यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध किया था। यूपी सरकार ने कहा कि राज्य सरकार ने आशीष मिश्र की ज़मानत याचिका का प्रभावी तरीक़े से विरोध नहीं किया, ये सही नहीं है।

मृतक किसानों के परिजनों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर आशीष मिश्रा की बेल का विरोध किया गया है। इस पर अदालत ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में यूपी सरकार ने यह बात कही है।

 

बता दें कि, लखीमपुर खीरी में किसानों पर कार चढ़ाए जाने की घटना में एक पत्रकार समेत कई लोगों की जान गई थी। 3 अक्टूबर 2021 की इस घटना में आशीष मिश्रा किसानों को कार से कुचलने के आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से आशीष मिश्रा को जमानत मिली है। आशीष गृह राज्यमंत्री अजय टेनी के बेटे हैं।

यूपी चुनाव के दौरान कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बनाया था और योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरा था। सुप्रीम कोर्ट में आशीष मिश्र को जमानत दिए जाने के ख़िलाफ याचिका दाख़िल की गई है।

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