सोनू निगम के सिर मुंडवाने पर बोले कुमार विश्वास- ‘ख़ुद की ज़ुल्फ़ें गिरा कर नफ़रत का मुडंन करा ही दिया’

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मशहूर सिंगर सोनू निगम द्वारा ‘अजान’ से सुबह-सुबह नींद में खलल पड़ने पर किए गए ट्वीट्स के बाद जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच मुस्लिम नेता और पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक यूनाइटेड काउंसिल के उपाध्यक्ष सैयद शाह आतेफ अली कादरी द्वारा सर मुंडवाने को लेकर इनाम की घोषणा किए जाने से नाराज सोनू निगम ने बुधवार(19 अप्रैल) को खुद अपना सिर मुंडवा लिया।

 

इस दौरान सोनू ने गंजे होने से पहले मीडिया से बात भी की। उन्होंने खुद इसके लिए मशहूर हेयर स्टाइलिस्ट आलिम को भी बुलाया था। सोनू ने मीडिया के सामने कहा कि जिस मौलवी ने इनाम रखा था उसको अब नाई को 10 लाख रुपए देने चाहिए। मुस्लिम नेता द्वारा सर मुंडवाने को लेकर इनाम की घोषणा किए जाने पर सोनू निगम ने भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर मुंडवाने का एलान किया।

इस पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मशहूर कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा कि, ‘आपके सच्चे दिल का कोई “बाल” भी बांका नहीं कर सकता दोस्त(सोनू निगम)। ख़ुद की ज़ुल्फ़ें गिरा कर नफ़रत का मुडंन करा ही दिया।’

इसके अलावा एक और ट्वीट में उन्होंने अपने ही अंदाज में लिखा है، ‘अपने(सोनू निगम) सर इक बला तो लेनी थी, मैं ने वो ज़ुल्फ़ अपने सर ली है।’ कुमार विश्वास का यह दोनों ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है।

हालांकि, सोनू निगम ने कहा कि यह(बाल मुंडवाना) कोई विरोध नहीं है, बल्कि मैं लोगों को यह बताना चाहता हूं कि एक मुस्लिम भाई मेरे बाल काट रहा है। विवाद को लेकर अपनी सफाई पेश करते हुए सोनू निगम ने कहा कि मैंने मंदिर और गुरुद्वारे की बात भी कही थी। मेरा मानना है कि लाउडस्पीकर धार्मिक स्थलों पर नहीं होने चाहिए। मेरे आसपास बहुत से मुस्लिम लोग हैं, मैं मुस्लिम विरोधी नहीं हूं, मेरे बयान को गलत ढंग से पेश किया गया है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक यूनाइटेड काउंसिल के उपाध्यक्ष सैयद शाह आतेफ अली कादरी ने मंगलवार(18 अप्रैल) को कहा था कि अगर कोई भी सोनू निगम का सर गंजा करे और उसके गले में फटे पुराने जूतों की माला पहनाए और उसे देश भर में घुमाए तो वह उसे 10 लाख रुपए देंगे।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि 17 अप्रैल को सोनू निगम ने मस्जिदों से होने वाली अजान पर सवाल उठाते हुए उसे गुंडागर्दी तक करार दे दिया था। सोनू ने अपने ट्वीट्स में लिखा था कि, ”ईश्‍वर सबका भला करे। मैं मुस्लिम नहीं हूं और मुझे सुबह अज़ान के चलते उठना पड़ता है। भारत में यह जबरन धार्मिकता कब खत्‍म होगी?

इसके अलावा उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘बता दूं कि जब मोहम्‍मद ने इस्‍लाम बनाया तब बिजली नहीं थी। एडिसन के बाद भी मुझे यह शोर क्‍यों सुनना पड़ता है?’ उन्होंने अपने अन्य ट्वीट में मंदिर और गुरुद्वारे का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं किसी मंदिर या गुरुद्वारे द्वारा उन लोगों को जगाने के लिए बिजली के उपयोग को जायज नहीं मानता जो धर्म पर नहीं चलते। फिर क्‍यों? ईमानदारी? सच्‍चाई? गुंडागर्दी है बस?’ सोनू के इस ट्वीट के बाद से सोशल मीडिया पर इसे लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है।

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