पश्चिम बंगाल हिंसा: BJP नेता द्वारा शेयर की गई ‘फर्जी’ तस्वीर मामले में एक शख्स गिरफ्तार

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सोशल मीडिया पर भोजपुरी फिल्म की तस्वीर पोस्ट कर पश्चिम बंगाल के बशीरहाट में हिंसा फैसाने के आरोप में पुलिस ने शनिवार(8 जुलाई) को एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। 24 परगना जिले से गिरफ्तार गिए गए इस शख्स ने फेसबुक पर एक ‘फर्जी’ फोटो पोस्ट किया था। अपने पोस्ट में शख्स ने दावा किया था कि वीडियो में दर्शाए गए दृश्य वाले कारनामे पश्चिम बंगाल के बशीहहाट और बागुरिया की असलियत हैं।बता दें कि, पश्चिम बंगाल में फेसबुक पर पैगम्बर मुहम्मद को लेकर इसी शख्स द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट करने के बाद वहां पर दो समुदायों के बीच हिंसा हो गई थी, जिसके बाद से वहां पर तनाव का माहौल बना हुआ है। कोलकाता पुलिस ने शनिवार को बताया कि भोजपुरी फिल्म के एक सीन की फर्जी तस्वीर शेयर करके सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस के मुताबिक, इसी फर्जी फोटो के चलते पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में स्थित 24 परगना में फैली हिंसा में एक शख्स की जान चली गई है। पुलिस ने बताया कि जिस फोटो को पश्चिम बंगाल हिंसा का बताया जा रहा है, वह वास्तव में 2014 में रिलीज हुई भोजपुरी फिल्म ‘औरत खिलौना नहीं’ का एक दृश्य है।

BJP नेता ने भी शेयर की फोटो 

बता दें कि पश्चिम बंगाल हिंसा को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा की एक बीजेपी नेता ने इसी फर्जी तस्वीर का सहारा लिया था। हरियाणा की बीजेपी नेता विजेता मलिक ने अपने फेसबुक वॉल पर भोजपुरी फिल्म के एक सीन की तस्वीर शेयर करते हुए उसे बंगाल में भड़के सांप्रदायिक दंगे का बताया था। महिला नेता की ओर से शेयर की गई तस्वीर भोजपुरी फिल्म का एक सीन निकला है।

बीजेपी नेता ने अपने पोस्ट में लिखा कि, बंगाल में जो हालात हैं वो हिंदुओं के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है। हिंदू को ही क्यों मारा जा रहा है और सरेआम उसकी इज्जत के साथ खेला जा रहा है। इस पर कोई कुछ नहीं बोलता और ना ही अवार्ड वापस हो रहा है। ना तो देश छोड़ कर जाने की बात हो रही है और राज्य सरकार भी हाथ पर हाथ रख कर बैठी है।

पुलिस ने की अपील

पश्चिम बंगाल पुलिस के आधिकारिक ट्विटर पेज से ट्वीट किया गया है, ‘कुछ लोग पश्चिम बंगाल में अन्य देशों और क्षेत्रों के पुराने वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। यह अत्यधिक निंदाजनक है।’ अगले ट्वीट में अपील की है, ‘कृपया हमेशा तथ्यों की जांच करें। हम सभी से अपील करते हैं कि दुर्भावनापूर्ण वीडियो को ध्यान न दें, जिससे कि समुदायों में अविश्वास पैदा हो।’

 

 

 

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