केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार (20 सितंबर) को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर राफेल लड़ाकू विमान सौदे और औद्योगिक घरानों का कर्ज माफ करने को लेकर ‘झूठ गढ़ने’ का आरोप लगाया। जेटली ने राहुल गांधी पर कड़ा प्रहार करते हुए उन्हें मूर्ख राजकुमार (क्लाउन प्रिंस) करार दिया है। जेटली ने अपने इस लेख का शीर्षक दिया है, ‘मूर्ख राजकुमार (क्लाउन प्रिंस) का झूठ।’
इस बीच अब पूर्व किक्रेटर और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने राहुल गांधी को मसखरा शहजादा बताए जाने पर अरुण जेटली पर तीखा पलटवार किया है। कीर्ति आजाद ने जेटली को ‘करप्ट किंग ऑफ DDCA (दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन)’ करार दिया है।
कीर्ति आजाद ने ट्वीट कर लिखा है कि अरुण जेटली दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को पता होना चाहिए कि डीडीसीए का भ्रष्ट राजा कौन था? आपकी अध्यक्षता के दौरान 400 करोड़ रुपये किसने बनाया? डीडीसीए की किताबों में स्टेडियम के निर्माण के लिए मात्र 24 करोड़ रुपये पारित किया गया था। शेष 376 करोड़ कहां चला गया? साथ ही आजाद ने #KingOfCorruption हैशटैग दिया है।
@arunjaitley world's largest democracy must know who was corrupt king of DDCA? Who embezzled 400crs during ur presidentship? Minutes book of DDCA shows only once Resolution was passed for construction of stadium which was 24 crores. Where rest of 376 crores go? #KingOfCorruption https://t.co/1dfVFsEm5e
— Kirti Azad (@KirtiAzadMP) September 21, 2018
उल्लेखनीय है कि डीडीसीए के 13 सालों तक (2013 तक) अध्यक्ष रहे अरुण जेटली पर कीर्ति आजाद द्वारा उनके कार्यकाल के दौरान उक्त संगठन में अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाए जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कीर्ति को पार्टी से निलंबित कर दिया था।
वित्त मंत्री ने राहुल गांधी को बताया- ‘मूर्ख राजकुमार’
आपको बता दें कि जेटली ने गुरुवार को अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि राहुल ने पहले राफेल सौदे पर ‘झूठ बोला’ और अब नन परफोर्मिग एसेट्स (एनपीए) पर झूठ बोल रहे हैं। राहुल ने दावा किया है कि भाजपा सरकार ने 15 उद्योगपतियों के 2.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर दिए हैं। किसी देनदार के एक भी रुपये के ऋण को माफ नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा, उनकी रणनीति है, झूठ गढ़ो और इसे जितनी बार हो सके दोहराओ। जेटली ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या ‘तथ्यों को गढ़ने वाली सोच’ वाला कोई व्यक्ति सार्वजनिक बहस का हिस्सा बन सकता है। उन्होंने कहा, विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को यह गंभीरता से अवलोकन करना चाहिए कि क्या सार्वजनिक बहस को एक ‘मूर्ख राजकुमार (क्लाउन प्रिंस)’ के झूठ द्वारा प्रदूषित करने की इजाजत दी जा सकती है।
वित्त मंत्री ने परिपक्व लोकतंत्र में जो झूठ पर विश्वास करते हैं, उसे सार्वजनिक जीवन के लिए अयोग्य माना जाता है। कईयों को झूठ बोलने की वजह से राजनीतिक गतिविधि से प्रतिबंधित कर दिया गया। लेकिन निश्चित ही यह नियम वंशवादी संगठन कांग्रेस पार्टी में लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा, अगर राफेल मामले में मनगढ़ंत कहानी बनाना पहला झूठ था, तो दूसरा.. बार-बार कहना कि मोदी ने 15 उद्योगपतियों के 2.5 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिए। इस वाक्य के सारे शब्द झूठ हैं।