अरुणाचल प्रदेश में बन रही एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए बनने वाले 2 बांधों में करीब 450 करोड़ रूपए के भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है जिसमें केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू का नाम भी सामने आ रहा है।
सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियों के चीफ विजिलेंस अफसर सतीश वर्मा ने रिजिजू, उनके चचेरे भाई और ठेकेदार गोबोई रिजिजू, नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर और कॉरपोरेशन के कई अफसरों के खिलाफ 129 पन्नों की रिपोर्ट सीवीसी, सीबीआई और ऊर्जा मंत्रालय को भेजी है।
There should be an investigation into this, then only truth will come out: Ninong Ering,Congress on Kiren Rijiju/ Arunachal Hydro Project pic.twitter.com/4VDgaXaEA8
— ANI (@ANI) December 13, 2016
इस बारें में मंगलवार को पत्रकारों द्वारा सवाल पुछे जाने पर किरण रिजिजू भड़ग गए। पत्रकारों ने उनसे अरुणाचल प्रदेश में एक बड़े हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में पेमेंट को लेकर सवाल पूछ लिया था। रिजिजू पर अपने कॉन्ट्रैक्टर भाई के पक्ष में पेमेंट के लिए चिट्ठी लिखने का आरोप है। इसी से जुड़ा सवाल पत्रकार ने पूछा और वह गुस्सा हो गए।
Ye jo plant kar rhe hain news,hamare yahan ayenge to joote khaynge,logon ki sewa krna corruption hai?:Kiren Rjiju on Arunachal Hydro Project pic.twitter.com/eNQWLf2ttg
— ANI (@ANI) December 13, 2016
मीडिया रिर्पोट्स के अनुसार, हालांकि रिजिजू ने आरोपों से साफ इनकार किया है और कहा है कि जो न्यूज प्लांट कर रहे हैं, हमारे यहां आएंगे तो जूते खाएंगे। क्या लोगों की सेवा करना भ्रष्टाचार है? रिजिजू का कहना है कि उन्होंने एक स्थानीय ठेकेदार की अर्जी पर ऊर्जा मंत्रालय को खत लिखा था। लेकिन उन्हें किसी घोटाले की जानकारी नहीं है। अगर कोई घोटाला हुआ है तो उसकी गहराई से जांच की जाए।
जुलाई में पेश की गई इस रिपोर्ट में रिजिजू समेत तमाम अफसरों पर घोटाले का आरोप लगाया है। इनमें से एक बांध रिजिजू के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी कामेंग में बना है। रिपोर्ट मिलने के बाद सीबीआई ने 2 बार बांध का औचक निरीक्षण भी किया है। लेकिन इस मामले में अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है।