दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि क्या पैसों की दौड़ में हम इतने अन्धे हो गए हैं की हम इंसानियत खो बैठें हैं।
निजी अस्पतालों द्वारा एक सात साल के बच्चे को अपने यहाँ नहीं भर्ती करने पर केजरीवाल ने उनकी कड़े शंब्दों में निंदा कि.
दिल्ली में एक ख़ास प्रोग्राम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा, “अगर वो हॉस्पिटल बच्चें का इलाज़ कर देता तो क्या हो जाता, क्या उनका प्रॉफिट मार्जिन कम हो जाता ?”
ये बयान तब आया है जब देर रात दिल्ली में छह साल के अमन शर्मा की अस्पताल और डॉक्टरों के लापरवाही की वजह से मौत हो गई थी ।
दिल्ली में एक हफ्ते के भीतर एक और बच्चे की मौत से दिल्ली प्रशासन और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
मंगलवार की रात को 6 साल के बच्चें की मौत भी उन्हीं हालात में हुई जिन में अविनाश की मौत हुई थी ।
छह साल के अमन की दर्दनाक हालत में मौत हो गई जब सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे हॉस्पिटल में भर्ती करने से मना कर दिया । अमन के पिता ने अस्पताल प्रशासन के ऊपर आरोप लगते हुए कहा है की डॉक्टर ने अमन की हालत को सामान्य बताया और कहा की बच्चा बिल्कुल ठीक है और इससे अस्पताल में दाखिल करने की कोई जरुरत नहीं है।
मनोज शर्मा ने बताया है की वो एक हॉस्पिटल से दुसरे हॉस्पिटल में चक्कर काटते रहें लेकिन मैक्स , मूलचंद जैसे बड़े अस्पतालों ने अपने यहाँ भर्ती करने से मना कर दिया । किसी तरह से बत्रा हॉस्पिटल में अमन का दाखिला कराया गया जँहा अमन की तड़पते हुए हालत में जान चली गई ।
दिल्ली के स्वास्थय मंत्री सत्येंदर जैन ने बताया की पांच अस्पतालों को नोटिस जारी की गई है और अगर उनको करवाई के दौरान दोषी पाया गया तो उनके लाइसेंस कैंसिल कर दिएं जाएंगे ।
पिछले हफ्ते सात साल के अविनाश की मौत के बाद उसके माँ बाप ने भी बहुमंजिली इमारत से कूद कर जान दे दी थी।