कोरोना लॉकडाउन के बीच भारत प्रशासित कश्मीर की एक युवा महिला पत्रकार मसर्रत ज़हरा (Masrat Zahra) के खिलाफ पुलिस ने गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया है। श्रीनगर की 26 वर्षीय कश्मीरी फोटो पत्रकार मसर्रत ज़हरा पर “युवाओं को प्रेरित करने के लिए आपराधिक इरादों के साथ फेसबुक पर राष्ट्र विरोधी पोस्ट अपलोड करने” का आरोप है।
श्रीनगर के साइबर पुलिस स्टेशन ने शनिवार को एक बयान में कहा कि, विश्वसनीय स्रोतों के माध्यम से जानकारी मिली कि एक फेसबुक उपयोगकर्ता मसर्रत ज़हरा युवाओं को सार्वजनिक शांति के खिलाफ भड़काने और अपराधों को बढ़ावा देने के आपराधिक इरादे के साथ राष्ट्र विरोधी पोस्ट अपलोड कर रहा है।
पुलिस ने कहा, “फेसबुक उपयोगकर्ता को ऐसी तस्वीरें अपलोड करने के लिए भी जाना जाता है जो जनता को कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए उकसा सकती हैं। उपयोगकर्ता उन पोस्टों को भी अपलोड कर रहा है जो राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का महिमामंडन करती हैं और देश में कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों की छवि को धूमिल करती हैं।”
पुलिस ने कहा कि यह मामला एफआईआर नंबर 10/2020 यू/एस 13 यूए (पी) अधिनियम और आईपीसी की धारा 505 के तहत 18-04-2020 को साइबर पुलिस स्टेशन, कश्मीर क्षेत्र, श्रीनगर में दर्ज किया गया है, मामले की जांच चल रही है। उसे मंगलवार को पुलिस के समक्ष तलब किया गया है।
मसर्रत ज़हरा ने सोमवार को टेलीफोन पर अल जज़ीरा को बताया कि पुलिस और सरकार “कश्मीर में पत्रकारों की आवाज़ को खत्म करने” की कोशिश कर रहे हैं। ज़हरा ने कहा कि, “पुलिस ने कहीं उल्लेख नहीं किया है कि मैं एक पत्रकार हूं, उन्होंने कहा है कि मैं एक फेसबुक उपयोगकर्ता हूं।”
मसर्रत ज़हरा पिछले कई वर्षों से फ़्रीलांस फोटो जर्नलिस्ट के तौर पर कश्मीर में काम कर रही हैं। वो भारत और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के कई संस्थानों के लिए काम कर चुकी हैं।