कर्नाटक: येदियुरप्पा के बहुमत परीक्षण से पहले स्पीकर रमेश कुमार ने कांग्रेस-जेडीएस के 14 और बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किया

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कर्नाटक के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बहुमत परीक्षण से ठीक पहले कांग्रेस-जेडीएस के 14 और बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया गया है। बेंगलुरु में रविवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया से बात करते हुए कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि 14 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है।बता दें कि इससे पहले विधानसभा अध्‍यक्ष ने तीन बागी विधायकों को अयोग्‍य घोषित कर दिया था।

PTI

कर्नाटक में गठबंधन की सरकार गरने के बाद पहली बार प्रेस कांफ्रेंस करते हुए स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि बीएस येदियुरप्पा ने मुझे कल विश्वास मत की निगरानी करने के लिए कहा है। वित्त विधेयक 31 जुलाई को पास करना है। मैं सभी विधायकों से विश्वास प्रस्ताव के दौरान उपस्थित रहने की अपील करता हूं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में बीते दिनों राजनीतिक संकट का जिक्र करते हुए स्पीकर ने कहा, “कहां पहुचे गए हैं हम? एक स्पीकर के तौर पर स्थिति से निपटने के लिए जिस तरीके से मेरे ऊपर दबाव डाला गया उसने मुझे अवसाद के समुद्र में धकेल दिया।

स्‍पीकर रमेश कुमार ने कहा कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिए गए सदस्य ना तो चुनाव लड़ सकते हैं, ना ही सदन का कार्यकाल खत्म होने तक विधानसभा के लिए निर्वाचित हो सकते हैं। स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि वह मानते हैं कि तीनों सदस्यों ने स्वेच्छा और सही तरीके से इस्तीफा नहीं दिया और इसलिए उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया और दल-बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की।

बता दें कि कांग्रेस-जेडीएस के 17 विधायकों ने अपनी पार्टी से विद्रोह करते हुए इस्‍तीफा दे दिया था, इसके बाद कुमारस्‍वामी सरकार बहुमत साबित करने में असफल रही थी। कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता बीएस येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। राज्यपाल ने येदियुरप्पा को सोमवार को बहुमत साबित करने का मौका दिया है।

कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल वजूभाई वाला ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में 76 साल के येदियुरप्पा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्य में येदियुरप्पा नीत भाजपा सरकार तब बनी है, जब कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार गिर गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा विधानसभा में पेश विश्वास मत प्रस्ताव 105 के मुकाबले 99 मतों से गिर गया था।

शुक्रवार की सुबह आनन-फानन में हुए घटनाक्रम में, येदियुरप्पा ने राज्यपाल से मुलाकात करके सरकार का दावा पेश किया और उनसे उन्हें शुक्रवार को ही पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाने का अनुरोध किया। इसके बाद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्यौता दिया। शपथ ग्रहण समारोह से पहले, येदियुरप्पा ने कहा कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से सलाह मशविरा करने के बाद कैबिनेट के सदस्यों पर फैसला करेंगे।

येदियुरप्पा ने चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। पिछली बार वह मई 2018 विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री बने थे लेकिन वह पद पर तीन दिन ही टिक पाए। गौरतलब है कि विधानसभा का कार्यकाल 2023 तक है। इसका मतलब है कि तबतक (विधानसभा के कार्यकाल की समाप्ति) अयोग्य विधायक विधानसभा का उपचुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।

 

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