कॉमेडियन कपिल शर्मा ने बीएमसी के खिलाफ बॉम्बे हाइकोर्ट में याचिका दायर कर उनके कथित अवैध निर्माण को तोड़ने से रोकने की मांग की है. शर्मा का आरोप है और दलील है कि बीएमसी गलत मंशा से काम कर रही है और उसका कदम गैर-कानूनी है।
उन्होंने कोर्ट से अपने आॅफिस के कथित अवैध निर्माण वाले हिस्से को तोड़ने से रोकने की मांग की है। कपिल शर्मा का बीएमसी पर आरोप है कि वो गलत मंशा से काम कर रही है और उसका कदम गैर-कानूनी है। कपिल शर्मा ने बॉम्बे हाइकोर्ट में दायर अर्जी में लिखा है कि 18 मंजिला उस बिल्डिंग को पहले सीसी और फिर 6 नवंबर 2013 को ओसी भी खुद बीएमसी ने दिया है।
लेकिन, फिर अचानक 14 नवंबर 2014 बीएमसी के बिल्डिंग और फैक्टरी डिपार्टमेंट ने नोटिस देकर बिल्डिंग के कुछ हिस्से को अवैध बता दिया।
उन्होंने तब जवाब में किसी भी तरह के अवैध निर्माण से मना किया। लेकिन जब बीएमसी उनके जवाब से सहमत नहीं हुई तब उन्होंने दिंडोशी में अदालत का दरवाजा खटखटाया।
जनसत्ता की खबर के अनुसार, अदालत ने 28 दिसंबर 2014 को अंतरिम राहत देते हुए सुनवाई पूरी होने तक बीएमसी की किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी। शर्मा के मुताबिक अदालती रोक होने के बावजूद उन्हें अप्रैल 2016 को बीएमसी ने फिर तोड़ने की नोटिस दी। इसलिए कपिल शर्मा ने बॉम्बे हाइकोर्ट में अर्जी देकर बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। अर्जी पर सुनवाई होनी अभी बाकी है।
गौरतलब है कि कपिल शर्मा ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने बीएमसी के एक अफसर पर वर्सोवा स्थित अनके एक दफ्तर के निर्माण के लिए 5 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। उनके इस ट्वीट पर काफी बवाल मचा था।