उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में पिछले साल बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत के मामले में सेवा से बर्खास्त किए गए डॉक्टर कफील खान को बहराइच जिला अस्पताल में अव्यवस्था फैलाने के आरोप में शनिवार को गिरफ्तारी के बाद मजिस्ट्रेट के आदेश पर रिहा करने के कुछ देर बाद ही एक बार फिर उन्हें रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कफील खान और उनके भाई को धोखाधड़ी के नौ साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। डॉ. कफील को एक दिन पहले ही बहराइच के अस्पताल में अव्यवस्था फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कफील और उनके भाई अदील को कल बहराइच से गोरखपुर वापस लाने के बाद गिरफ्तार किया गया।
पुलिस क्षेत्राधिकारी (कैंट) प्रभात कुमार राय ने बताया कि शहर के राजघाट थाने में मुजफ्फर आलम नामक व्यक्ति ने वर्ष 2009 में डॉक्टर कफील और उनके भाई अदील अहमद खान के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। राय ने बताया कि राजघाट क्षेत्र के शेषपुर निवासी मुजफ्फर आलम की शिकायत पर पूर्व में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। दरअसल, मुजफ्फर डॉ. कफील के भाई आदिल के कर्मचारी भी रह चुके हैं।
मुजफ्फर का आरोप था कि उनके दस्तावेज का गलत इस्तेमाल कर दोनों ने फैजान के नाम से यूनियन बैंक की बैंक रोड शाखा में 2009 में एक खाता खोला, जिसके जमानतदार आदिल बने थे। इस खाते से 2009 से 2014 के बीच करीब दो करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। उसने दोनों पर लाखों रुपए का लेन-देन करने के लिए बैंक में खाता खुलवाने के मकसद से उसकी फोटो तथा पहचान पत्र का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
इसी मामले में इन दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। कफील पिछले साल अगस्त में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 24 घंटे के अंदर बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत के मामले में अभियुक्त बनाए गए नौ लोगों में शामिल हैं। उन्हें इसी मामले में पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। इस साल अप्रैल में अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी जिसके बाद उन्हें रिहा किया गया था।
आपको बता दें इससे पहले कफील को पुलिस ने शनिवार को बहराइच जिला अस्पताल में अव्यवस्था फैलाने व डाक्टरों से नोकझोंक करने के आरोप में अस्पताल प्रशासन की तहरीर पर मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था। बाद में रविवार को मजिस्ट्रेट ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। कफील पर आरोप है कि वह जिला अस्पताल में भर्ती बच्चों की जबरन जांच कर रहे थे।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, कफील अहमद के भाई अदील अहमद खान और उसके सहयोगी मो. फैजान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस के अनुसार अदील और फैजान पर फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस और फर्जी हस्ताक्षर से बैंक में खाता खुलवाने और कथित तौर पर दो करोड़ रुपये का लेन देन करने के आरोप है। इस मामले में गोरखपुर के कैंट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया है।
शहर के राजघाट इलाके के शेखपुर इलाके में मुजफ्फर आलम नामक एक व्यक्ति ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर से शिकायत की थी कि वर्ष 2009 में अदील और फैजान ने उसके नाम से फर्जी दस्तावेजों के सहारे सिनेमा रोड स्थित एक बैंक में खाता खुलवाया। मुजफ्फर आलम के शिकायती पत्र के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली के क्षेत्राधिकारी अतुल चौबे को मामले की जांच के आदेश दिए थे।
डॉ कफील पिछले साल अगस्त में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 24 घंटे के अंदर बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत के मामले में अभियुक्त बनाए गए नौ लोगों में शामिल हैं। उन्हें इसी मामले में पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। इस साल अप्रैल में अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी जिसके बाद उन्हें रिहा किया गया था।