विवादों के बीच आलोक वर्मा को हटाने वाले पैनल में शामिल जस्टिस एके सीकरी ने ठुकराया मोदी सरकार का ऑफर, राहुल ने राफेल से जोड़ साधा निशाना

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सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज न्यायमूर्ति एके सीकरी ने उस सरकारी प्रस्ताव के लिए दी गई अपनी सहमति रविवार (13 जनवरी) को वापस ले ली, जिसके तहत उन्हें लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय मध्यस्थता न्यायाधिकरण (सीसैट) में अध्यक्ष/सदस्य के तौर पर नामित किया जाना था। उन्हें यह नाम उस स्थिति में वापस लेना पड़ा है, जब उनके नामांकन को लेकर विवाद पैदा हो गया। चूंकि न्यायमूर्ति सीकरी ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को हटाने वाली समिति में उन्हें हटाने के लिए मत दिया था, इसलिए उन पर इस संदर्भ में सवाल खड़े होने लगे थे।

रिपोर्ट की मुताबिक, न्यायमूर्ति सीकरी के नामांकन का निर्णय पिछले महीने ही किया गया था, जब आलोक वर्मा को हटाने वाली समिति की बैठक भी नहीं हुई थी। प्रधान न्यायाधीश के बाद देश के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के एक करीबी सूत्र ने बताया कि न्यायाधीश ने रविवार शाम को सहमति वापस ले ली। सूत्रों ने कहा, ‘‘सरकार ने इस जिम्मेदारी के लिए पिछले महीने उनसे संपर्क किया था। उन्होंने अपनी सहमति दी थी। इस पद पर रहते हुए प्रति वर्ष दो से तीन सुनवाई के लिए वहां जाना होता और यह बिना मेहनताना वाला पद था।’’

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सीकरी के नामांकन का निर्णय सुप्रीम कोर्ट से आगामी छह मार्च को होने वाली उनकी सेवानिवृत्ति को देखते हुए किया गया था। दरअसल, मीडिया में इस आशय की रिपोर्ट छपने के बाद कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना दिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने रविवार को कहा कि सरकार को लंदन के राष्ट्रमंडल सचिवालय मध्यस्थता न्यायाधिकरण (सीसैट) के अध्यक्ष/सदस्य के खाली पड़े पद पर न्यायमूर्ति सीकरी को नामित करने पर ‘काफी बातों का जवाब देने’ की जरूरत है। पटेल ने एक मीडिया रिपोर्ट को टैग करते हुए कहा था, ‘सरकार को कई बातों का जवाब देने की जरूरत है।’

राहुल ने राफेल से जोड़ पीएम मोदी पर साधा निशाना

इसी मुद्दे को राफेल से जोड़ते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। रविवार को राहुल गांधी ने सीकरी के मनोनयन की एक मीडिया रिपोर्ट के साथ ट्वीट करते हुए लिखा, ‘न्याय के पैमाने से जब छेड़छाड़ की जाती है तो फिर अराजकता का राज आता है।’ राहुल ने इस मसले पर सीधे पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा था कि वह राफेल घोटाले को कवरअप करने में जुटे हैं। वह डर के साए में हैं और इसी के चलते भ्रष्टाचार कर रहे हैं और संस्थाओं को बर्बाद करने में जुटे हैं।

क्या है विवाद की वजह?

दरअसल, न्यायमूर्ति सीकरी सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकाजरुन खड़गे वाले तीन सदस्यों के पैनल के सदस्य थे। इसी पैनल ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाने का निर्णय लिया था। सीकरी के वोट ने वर्मा को हटाने में अहम भूमिका अदा की थी, क्योंकि खड़गे ने इसका कड़ाई से विरोध किया था। न्यायमूर्ति सीकरी ने सरकार का समर्थन किया था।

 

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