जोधपुर कोर्ट ने सलमान खान के खिलाफ राजस्थान सरकार की याचिका खारिज की

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बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सलमान खान ने एक भावनात्मक अंदाज में गुरुवार को जोधपुर जिला एवं सत्र न्यायालय से राहत पाने के बाद न्यायाधीश को धन्यवाद दिया। न्यायालय ने बॉलीवुड अभिनेता के खिलाफ राजस्थान सरकार द्वारा 2003 में अदालत में एक गलत हलफनामा प्रस्तुत करने से संबंधित एक मामले में दायर दो दलीलों को खारिज कर दिया, जिस पर सलमान ने आभार जताया। जैसे ही राघवेंद्र कछवाल की अदालत ने कहा कि इस मामले में सलमान के खिलाफ याचिका खारिज कर दी गई है, इस पर कार्यवाही में शामिल सलमान खान ने भावुक होते हुए कहा- धन्यवाद सर।

सलमान खान
फाइल फोटो

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, बॉलीवुड सुपरस्टार के वकील हस्तीमल सारस्वत ने बताया कि अगर अभिनेता को दोषी ठहराया जाता, तो उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 193 के तहत मामला दर्ज किया जाता, जो सात साल के कारावास का प्रावधान करता है। फैसला सुनने के तुरंत बाद सारस्वत ने कहा, हमें आखिरकार वर्षों की सुनवाई के बाद न्याय मिला है।

बता दें कि, सलमान खान को 1998 में फिल्म हम साथ साथ हैं की शूंटिग के दौरान जोधपुर के पास कांकाणी गांव में दो काले हिरणों के शिकार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उस समय अभिनेता के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था और अदालत ने उन्हें हथियार लाइसेंस जमा करने के लिए कहा था।

खान ने 2003 में अदालत में एक हलफनामा पेश किया, जिसमें कहा गया था कि उसने लाइसेंस खो दिया था। उन्होंने इस सिलसिले में मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज कराई। हालांकि, बाद में अदालत को पता चला कि खान का लाइसेंस नहीं खोया था, बल्कि नवीनीकरण के लिए प्रस्तुत किया गया था।

सरकारी वकील भवानी सिंह भाटी ने तब मांग की थी कि अभिनेता के खिलाफ अदालत को गुमराह करने का मामला दर्ज करना जाए। हालांकि, गुरुवार को जोधपुर जिला और सत्र न्यायालय के न्यायाधीश राघवेंद्र कछवाल ने खान के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया।

इससे पहले, मंगलवार को खान ने काले हिरण अवैध शिकार मामले में सुनवाई के दौरान 2003 में गलत तरीके से एक गलत हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए अदालत के समक्ष माफी मांगी थी।

उनके वकील सारस्वत ने अदालत से कहा कि खान को गलत तरीके से एक गलत हलफनामा जमा करने के लिए माफ किया जाना चाहिए। सारस्वत ने अदालत को बताया कि हलफनामे को गलती से आठ अगस्त, 2003 को अदालत में प्रस्तुत किया गया था, जिसके लिए अभिनेता को क्षमा किया जाना चाहिए।

सुनवाई के दौरान, सारस्वत ने कहा, शपथ पत्र गलती से आठ अगस्त 2003 को प्रस्तुत किया गया था, क्योंकि सलमान भूल गए थे कि उनका लाइसेंस नवीनीकरण के लिए दिया गया है, क्योंकि वह बहुत व्यस्त थे। इसलिए, उन्होंने अदालत में उल्लेख किया कि लाइसेंस गुम हो गया है।

अक्टूबर 2018 में एक ट्रायल कोर्ट ने खान को दोषी ठहराया था और अक्टूबर 1998 में दो काले हिरणों की हत्या के लिए उन्हें पांच साल की जेल की सजा सुनाई थी।

अभिनेता ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी। खान के साथी कलाकार सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे, जो उनके साथ कांकाणी में मौके पर मौजूद थे, उन्हें बरी कर दिया गया था।

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