बिहार: वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर जीतन राम मांझी ने कसा तंज, भड़के भाजपा नेताओं ने दी नसीहत

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कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल उनके ही सहयोगियों को रास नहीं आ रही है। बिहार सरकार में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि अगर वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर तस्वीर लगाने का इतना ही शौक है तो कोरोना वायरस से हो रही मृत्यु के प्रमाणपत्र (डेथ सर्टिफिकेट) पर भी तस्वीर लगाई जाए। इधर, मांझी के बयान पर भाजपा ने उन्हें राजनीति नहीं करने की नसीहत दी।

जीतन राम मांझी
फाइल फोटो

पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने सोमवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बिना किसी के नाम लिए लिखा, ” वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर यदि तस्वीर लगाने का इतना ही शौक है तो कोरोना से हो रही मृत्यु के डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर लगाई जाए। यही न्याय संगत होगा।”

इससे एक दिन पहले मांझी ने कहा था कि इस वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए।
मांझी ने रविवार का ट्वीट किया था, “को-वैक्सीन की दूसरी डोज के उपरांत मुझे प्रमाण-पत्र दिया गया, जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है। देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं इस नाते उसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए। वैसे, तस्वीर ही लगानी है तो राष्ट्रपति के अलावा पीएम और स्थानीय सीएम की भी तस्वीर हो।”

मांझी का यह बयान बिहार भाजपा को रास नहीं आया। भाजपा के प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने मांझी को राजनीति नहीं करने की नसीहत देते हुए कहा, “पीएम की तस्वीर को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश कोरोना संकट से जूझ रहा है और यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने वैक्सीन का इजाद किया है।” उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए भारत की तारीफ हो रही है। प्रधानमंत्री की तस्वीर इसलिए सर्टिफिकेट में जरूरी है क्योंकि इससे देश के लोगों का आत्मविश्वास बढ़ता है।”

इधर, भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता अरविंद सिंह ने बिना पूर्व मुख्यमंत्री मांझी के नाम लिए कहा, “कुछ की आदत बन जाती है, जिस थाली में खाएंगे उसी में छेद करेंगे और जहां बैठेंगे वहीं गंदगी फैलायेंगे। वहीं कुछ की आदत होती है बीमार को ईलाज, भूखे को भोजन और स्वच्छता को अभियान बनाने की, फिर तुलना कैसी।” (इंपुट: IANS के साथ)

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