पिछले दिनों बीजेपी शासित राज्य झारखंड के एक गांव में कथित तौर पर भूख के कारण मौत का शिकार हुई 11 साल की बच्ची की मां को ग्रामीणों ने गांव से बाहर निकाल दिया है। बच्ची अपने परिवार के साथ सिमडेगा जिले के कारीमाटी गांव में रहती थी, करीब 100 घरों वाले इस गांव में इसमें कई जातियों के लोग रहते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने महिला पर गांव की बदनामी करने का आरोप लगाया है। जिसके बाद डरी सहमी महिला ने बाद में पंचायत घर में आश्रय लिया है। सिमडेगा जिला प्रशासन ने स्थानीय अधिकारियों से मामले की जांच करने को कहा है।
सिमडेगा जिला प्रशासन ने अब तक कहा है कि बच्ची संतोषी मलेरिया से पीड़ित थी और उसी बीमारी के कारण उसकी मौत हुई है। हालांकि, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दावे को खारिज कर दिया है।
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को सिमडेगा जिले का दौरा किया था और उपायुक्त मंजुनाथ भजनतरी से कथित तौर पर भूख से हुई मौत के मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट की मांग की थी। बच्ची की मौत के बाद राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि पीडीएस दुकानों पर खाद्य अनाज पहचान पत्र दिखाकर वितरित किया जाएगा।
जानिए क्या है पूरा मामला?
बता दें कि, पिछले 28 सितंबर को झारखंड के सिमडेगा जिले के एक गांव में 11 साल की एक मासूम लड़की सिर्फ इसलिए भूख से तड़प-तड़प कर मर गई, क्योंकि उसका परिवार राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं करा पाया था।
ख़बरों के मुताबिक, पीड़िता परिवार को पीडीएस स्कीम के तहत गरीबों को मिलने वाला राशन पिछले कई महीनों से नहीं मिल पा रहा था। भुखमरी के हालात बनने पर 11 वर्षीय संतोषी कुमारी नाम की लड़की ने दम तोड़ दिया था।
खाद्य सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर काम कर रहे एक संगठन द्वारा 15 अक्टूबर को खबर दिखाने के बाद इस शर्मनाक घटना का खुलासा हुआ था। संतोषी की मां कोइली देवी ने संस्था के सदस्यों को बताया कि आधार कार्ड लिंक नहीं होने की वजह से गांव के डीलर ने उन्हें फरवरी से ही राशन देना बंद कर दिया था।