गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान संपन्न हो गया है, जहां भाजपा के अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत तय मानी जा रही है, वहीं अंदरूनी कलह और इस्तीफों की वजह से कांग्रेस के अहमद पटेल की किस्मत के बारे में अभी कुछ पक्का नहीं कहा जा सकता।
File Photo: APइस चुनाव में 24 घंटे के अंदर महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ बिहार में सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल युनाइटेड (जदयू) को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है। दरअसल, नीतीश कुमार के फरमान के बावजूद पार्टी के एकमात्र विधायक ने कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को वोट देने का दावा किया है।
गुजरात में जदयू के एकमात्र विधायक छोटू वासव ने मंगलवार(8 अगस्त) को कहा कि उन्होंने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को वोट दिया है, क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा ने आदिवासियों और गरीबों के लिए काम नहीं किया है। वासव दक्षिणी गुजरात के भरूच जिले में अनूसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित झागाडिया सीट से विधायक हैं।
बता दें कि बिहार में हाल ही में भाजपा से गठबंधन करने वाली जदयू के विधायक ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने का फैसला किया, क्योंकि वह गरीबों और आदिवासी लोगों के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के काम न करने से नाखुश हैं।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने राज्य में 22 साल तक शासन किया है, लेकिन उसने राज्य के आदिवासी इलाकों की अनदेखी की। यह इलाके अविकसित हैं, क्योंकि सरकार ने गरीबों और आदिवासी लोगों के लिए कुछ नहीं किया। वासव ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने का फैसला पूरी तरह उनका खुद का फैसला है और जरूरी नहीं कि उनकी पार्टी का भी यही फैसला हो।
उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने मतदान को लेकर मुझसे संपर्क नहीं किया और इस संबंध में पार्टी द्वारा व्हिप जारी करने जैसा कुछ नहीं था। पटेल को वोट देने का निर्णय मेरा खुद का था।