बिहार की सत्ताधारी जद(यू) के नेता पवन वर्मा ने मंगलवार (21 जनवरी) को पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार से दिल्ली चुनावों में गठबंधन के लिए विचारधारा स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने देश को चलाने में भगवा दल के तरीके पर बिहार के मुख्यमंत्री की ‘‘निजी आशंकाओं’’ का जिक्र भी किया। वर्मा ने उन्हें पत्र लिखकर दावा किया कि 2017 में भाजपा के साथ गठबंधन के बावजूद भगवा पार्टी को लेकर नीतीश की ‘‘निजी आशंकाएं’’ और जिस तरीके से वह देश को ‘‘खतरनाक स्थिति’’ में ले जा रही है, नहीं बदली हैं।
राज्यसभा के पूर्व सदस्य और जद(यू) के महासचिव ने अपने पत्र में लिखा, ‘‘मैं अकेले में आपकी स्वीकारोक्ति को याद कर रहा हूं कि भाजपा में वर्तमान नेतृत्व ने किस तरह से आपका अपमान किया। आपने कई बार कहा कि भाजपा देश को खतरनाक स्थिति में ले जा रही है।’’ सोशल मीडिया पर साझा किए गए इस पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘आपने जैसा मुझे बताया, ये आपके निजी विचार थे कि भाजपा संस्थानों को नष्ट कर रही है और देश के अंदर लोकतांत्रिक एवं सामाजिक ताकतों को पुनर्गठित करने की जरूरत है और इस कार्य के लिए आपने पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकार को नियुक्त किया।’’
जद(यू) या इसके अध्यक्ष ने वर्मा के दावों पर प्रतिक्रिया नहीं दी। जद(यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार मादी सरकार की नीतियों के आलोचक रहे हैं और अपनी पार्टी को उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ खड़े होने के लिए कहा। वर्मा ने कहा कि जद(यू) को अपने गठबंधन का दायरा विस्तारित करने और दिल्ली चुनावों के लिए भाजपा से हाथ मिलाने से वह ‘‘काफी बेचैन’’ हैं। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि कुमार विचारधारा को स्पष्ट करें।
बिहार के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘एक से अधिक अवसरों पर आपने भाजपा-आरएसएस गठबंधन को लेकर आशंकाएं जाहिर की हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर ये आपके वास्तविक विचार हैं तो मैं समझ नहीं पाया कि जद(यू) कैसे बिहार के बाहर भाजपा से गठबंधन कर रहा है जबकि अकाली दल जैसे भाजपा के पुराने सहयोगियों ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। खासकर ऐसे समय में जब भाजपा ने सीएए-एनपीआर-एनआरसी के माध्यम से बड़े पैमाने पर सामाजिक विभाजनकारी एजेंडा चला रखा है।’’ पत्र में उन्होंने लिखा, ‘‘जिस तरह की राजनीति आपने हमें करने के लिए जोर दिया है वह सिद्धांतों को लेकर है।’’
This is the letter I have written to @NitishKumar today asking him how the JD(U) has formed an alliance with the BJP for the Delhi elections, given his own views on the BJP, and the massive national outrage against the divisive CAA-NPR-NRC scheme. pic.twitter.com/ErSynnuiYm
— Pavan K. Varma (@PavanK_Varma) January 21, 2020
बता दें कि, दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर आठ फरवरी को मतदान होगा और 11 फरवरी को मतगणना होनी है। दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है। हालांकि, कांग्रेस की स्थिति भी पिछले चुनाव के मुकाबले मज़बूत लग रही है। (इंपुट: भाषा के साथ)