अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले मशहूर गीतकार और कवि एवं पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने भड़काऊ बयान देने वाले ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता और प्रवक्ता वारिस पठान के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर खुशी जाहिर की है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता गिरिराज सिंह के खिलाफ भी एफआईआर की मांग की।
जावेद अख्तर ने शनिवार को अपने ट्वीट में लिखा, “मुझे खुशी है कि वारिस पठान के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। गिरिराज सिंह के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए, जिन्होंने कहा कि सभी मुसलमानों को पाकिस्तान भेजा जाना चाहिए था। यह टिप्पणी करके उन्होंने न केवल भारतीय मुसलमानों का अपमान किया है, बल्कि भारतीय संविधान का भी अपमान किया है।”
I am happy that an FIR is registered against Waris pathan An FIR should also be registered against Giri Raj Singh forsuggesting that all Muslims should have been sent to Pakistan by making this comment he has not only insulted the Indian Muslims but the Indian constitution too
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) February 22, 2020
गौरतलब है कि, पठान ने कर्नाटक के गुलबर्गा में 19 फरवरी को जनसभा के दौरान विवादित बयान में कहा था, ‘‘यह समय आ गया है कि हम एकजुट हो जाएं और आजादी लें। हम 15 करोड़ ही 100 करोड़ हिंदू आबादी पर भारी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने ईंट का जवाब पत्थर से देना सीख लिया है। मगर हमको इकट्ठा होकर चलना पड़ेगा। आजादी लेनी पड़ेगी और जो चीज मांगने से नहीं मिलती है, उसको छीन लिया जाता है।’’
पुलिस ने बताया कि एक महिला वकील की शिकायत पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान के खिलाफ शुक्रवार की शाम को प्राथमिकी दर्ज की गई। पठान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 117, 153 (दंगा फैलाने के लिए भड़काना) और धारा 153ए (दो समूहों में नफरत फैलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कर्नाटक के गृह मंत्री बासवराज बोम्मई ने कलबुर्गी शहर के पुलिस आयुक्त को घटना के बारे में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
वहीं, केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को बिहार के सीमांचल में कहा था कि आजादी के समय पाकिस्तान बनने के बाद सभी मुसलमानों को वहां ना भेज पाने की कीमत आज भारत चुका रहा है। उन्होंने कहा , ‘जब हमारे पूर्वज ब्रिटिश शासन से आजादी के लिए लड़ रहे थे, जिन्ना एक इस्लामी देश बनाने पर जोर दे रहे थे। हालांकि, हमारे पूर्वजों ने एक गलती कर दी। अगर उन्होंने हमारे सभी मुस्लिम भाइयों को पाकिस्तान भेज दिया होता और हिंदुओं को यहां ले आए होते, तो ऐसे कानून (सीएए) की जरूरत हीं नहीं होती। यह नहीं हुआ और हमने इसके लिए भारी कीमत चुकाई है।’