जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय कार्यवाहक मौलाना महमूद मदनी के दिशानिर्देश पर जमीअत के वकील अधिवक्ता एम. आर. शमशाद ने उनकी तरफ से हिंदी के राष्ट्रीय समाचार पत्र ‘दैनिक जागरण’ को एक भ्रामक खबर प्रकाशित करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में जागरण से बिना शर्त माफी मांगने और विवादित लेख का प्रसार बंद करने और अपनी वेबसाइट से इसकी ऑनलाइन कॉपी को हटाने की मांग की गई है।
नोटिस के मुताबिक, दैनक जागरण ने गत 7 जुलाई 2021 को ‘उमर गौतम के मदरसे की खोज में 30 से अधिक रडार पर’ के शीर्षक से उक्त समाचार को प्रकाशित किया था।
नोटिस में कहा गया है कि जागरण की उस खबर में “कई गलत और निराधार बातें शामिल हैं, जो पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना, भ्रामक रिपोर्टिंग है।” उन्होंने कहा कि “यह मूलतः मदरसों की प्रतिष्ठा को खराब करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से है। इसके पढ़ने से सामान्यतः जिस तरह की भावना बनती है, वो सभी मदरसों के लिए अत्यंत नकारात्मक है।”
जमीयत ने मदरसों पर झूठी रिपोर्टिंग के लिए जागरण को मानहानि का नोटिस भेजा
– यह खबर इस्लामी मदरसों की साख को धूमिल करने की दुर्भावना से प्रकाशित की गई है, समाचारपत्र को तुरंत माफी मांगनी चाहिए और इसके प्रकाशन पर रोक लगानी चाहिएः मौलाना महमूद मदनी pic.twitter.com/9iOUiAjsrR— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) July 19, 2021
नोटिस में कहा गया है कि, प्रतिष्ठानों या अल्पसंख्यक संस्थनों यानी मदरसों के प्रबंधन को आपके द्वारा अवैध गतिविधि के रूप में दर्शाया गया है। यह एक भ्रामक और गलत धारणा है जो उन मूलभूत संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है जिसमें न केवल अनुच्छेद 30 के तहत सभी अल्पसंख्यक (धार्मिक या भाषाई) को देश में अपनी पसंद के शिक्षण संस्थानों को चलाने और स्थापित करने का अधिकार प्रदान किया गया है बल्कि अनुच्छेद 29 के तहत अलग भाषा, लिपि या संस्कृति वाले नागरिकों के किसी भी वर्ग के भी इन्हीं अधिकारों को संरक्षित किया गया है।
नोटिस में कहा गया है कि, उपरोक्त समाचार के प्रकाशन से मदरसों को एक अपूरणीय क्षति हुई है और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। विशेषकर तब जब आपने उमर गौतम के मामले को इससे जोड़ने का प्रयास किया है जो कि स्वयं अभी इस स्तर एक असत्यापित और विचाराधीन मामला है।
जमीयत ने अपने नोटिस में दैनक जागरण से बिना शर्त माफी मांगने और विवादित लेख का प्रसार बंद करने और अपनी वेबसाइट से इसकी ऑनलाइन कॉपी को हटाने की मांग की गई है।