बिहार के दशरथ मांझी की तरह ही ओडिशा में जालंधर नायक नामक एक शख्स ने पहाड़ को काटकर सड़क बना दी। यह मामला ओडिशा के गुमसाही गांव का है। बता दें कि, इससे पहले पहाड़ को काटकर सड़क बनाने का काम बिहार के गया में रहने वाले एक गरीब मजदूर दशरथ मांझी ने किया था।
photo- ANIसमाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, जालंधर नायक ने ऐसा इसलिए किया ताकि उनके बच्चे बिना किसी दिक्कत के स्कूल जा सकें। कंधमाल के रहने वाले जालंधर नायक ने गुमसाही गांव से लेकर फुलबानी शहर के बीच पड़ने वाले एक विशाल पहाड़ को काटकर 8 किलोमीटर लंबी सड़क बना दी।
Odisha: Jalandar Nayak a resident of Kandhamal carves out an 8 km road from a mountain to connect his Gumsahi village to Phulbani city so that his children can go to school without facing problems pic.twitter.com/KBMmPFau58
— ANI (@ANI) January 14, 2018
नायक के इस करनामें पर समाचार एजेंसी ANI के से बात करते हुए खंड विकास अधिकारी एसके जेना ने कहा कि, वह जहां रहता है वो बसने लायक स्थान है। हमने उसे शहर आकर रहने का निमंत्रण दिया था लेकिन उसने मना कर दिया है। उसे सम्मानित किया जाएगा या नहीं अभी इसका फैसला होना बाकी है।
There was no school, anganwadi in the village and we had to go to the city through a difficult terrain,so I decided to construct a road.Even no hospital here, once I had to carry my pregnant wife 3 miles in a dola(basket) through it: Jalandar Nayak pic.twitter.com/XWzbPamuAa
— ANI (@ANI) January 14, 2018
नवभारत टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, 45 साल के जालंधर ओडिशा के गुमाशी गांव में रहते हैं और उनके बच्चों को हर दिन स्कूल जाने के दौरान पहाड़ के कठिन रास्ते को पार करना पड़ता था। यह देखकर जालंधर परेशान हो गए और उन्होंने पहाड़ काटकर रास्ता बनाने की ठान ली ताकि उनके बच्चों को स्कूल जाने में कोई परेशानी न हो। इस काम में लगे जालंधर पहले ही 5-6 किलोमटर लंबी सड़क बना चुके हैं।
जालंधर अपने पिता, अपनी पत्नी और 3 बेटों के साथ गांव में रहते हैं। जालंधर की पत्नी बताती हैं कि उनके पति ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि उनके परिवार को अस्पताल जाने में भी परेशानी का सामना न करना पड़े। नायक सब्जी बेचकर अपना परिवार चलाते हैं।
बता दें कि, सबसे पहले पहाड़ को काटकर सड़क बनाने का काम बिहार के गया के करीब गहलौर गांव में रहने वाले एक गरीब मजदूर दशरथ मांझी ने किया था।
दशरथ मांझी ने केवल एक हथौड़ा और छेनी लेकर अकेले ही 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊंचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली थी। वे बेहद पिछड़े इलाके में रहते थे और दलित जाति से ताल्लुक रखते थे।