अक्सर हमारे यहां लापरवाह अधिकारियों की वजह से हमारे बहादुर खिलाड़ियों को देश में तो परेशानियों का सामना करना ही पड़ता है, लेकिन अब हमारे खिलाड़ियों के देश के बाहर भी शर्मसार होना पड़ रहा है। इतना ही नहीं इस बार तो उस वक्त और हद हो गई जब सरकार और खेल प्राधिकरण की गलतियों की वजह से मशहूर पैरा एथलीट कंचनमाला पांडे को जर्मनी में भीख मांगनी पड़ी।
फोटो: Daily Mailबता दें कि कंचनमाला पांडे आंखों से तो देख नहीं पाती, लेकिन उन्हें तैरना बखूबी आती है। भारत की ओर से कंचनमाला को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में वर्ल्ड पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप भाग लेने के लिए भेजा गया था, लेकिन खेल प्राधिकरण गलतियों की वजह से कंचनमाला को शर्मसार होना पड़ा।
दरअसल, बर्लिन पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए भारत की तरफ कंचनमाला पांडे, सुयाश जाधव सहित चाय अन्य पैरा एथलीट्स खिलाड़ी जर्मनी भाग लेने गई थीं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सरकार द्वारा भेजी गई सहायता राशि उन तक पहुंच ही नहीं पाई।
मेल टुडे के मुताबिक, जिसके बाद पैसा नहीं होने की वजह से मजबूर कंचनमाला और अन्य खिलाड़ियों को वहां भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा। खिलाड़ियों के साथ हुई इस अपमान के बाद हर बार की तरफ एक दुसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इस मामले में पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को दोषी ठहराया है।
मुश्किलों का सामना कर जीता सिल्वर मेडल
हालांकि, सभी बाधाओं के बावजूद मुश्किल हालातों का सामना करते हुए कंचनमाला और सुयाश जाधव ने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया। साथ ही वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया। इतना ही नहीं इस साल भारत की ओर से वर्ल्ड पैरा स्विमिंग चैंपियनशीप में क्वालिफाई करने वाली अकेली महिला हैं।
बता दें कि कंचनमाला एस 11 कैटेगरी की तैराक हैं। कंचन फ्री स्टाइल, बैक स्ट्रोक, ब्रेस्ट स्ट्रोक सभी प्रकार से तैर सकती हैं। इनती मुश्किल परिस्थितियों में भी इस प्रकार से खिलाड़ियों ने हालात का सामना किया उसे लेकर हर कोई उन्हें सलाम कर रहा है। मेल टुडे से बातचीत में कंचनमाला ने कहा कि मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि मैं ऐसी परेशानियों का सामना करूंगी।