ऑस्ट्रेलिया में एक टेलीविजन विज्ञापन में एक मांस उत्पादक समूह द्वारा भगवान गणेश को मेमने का मांस खाते दिखाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने कूटनीतिक विरोध दर्ज कराया है।ऑस्ट्रेलिया के कैनबेरा स्थित भारतीय उच्चायोग ने ऑस्ट्रलिया सरकार के तीन विभागों को पत्र लिखा है और वहां के विज्ञापनों में हिंदू देवी देवताओं को गलत तरीके से पेश करने पर कड़ी आपत्ति जताई है।भारतीय उच्चायोग द्वारा कहा गया है कि इस विज्ञापन से भारतीय समुदाय के लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। उच्चायोग ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार के विदेश मामलों, संचार और कृषि मामलों के मंत्रालय को इस मामले में कार्रवाई करने को कहा है। बता दें कि इस विज्ञापन में भगवान गणेश को मेमने का मांस खाते दिखाया है।
हालांकि, इस विज्ञापन में भगवान गणेश के अलावा भगवान यीशु, बुद्ध, थॉर और जीउस को भी खाने की एक टेबल की चारों ओर बैठकर मेमने का मांस खाते हुए देखा जा सकता है। जिसमें सभी मीट खा रहे हैं, इस विज्ञापन को लेकर ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय मूल के लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। विज्ञापन को लेकर ऑस्ट्रेलिया में हिंदू समुदाय के बीच नाराजगी का माहौल है।
लोगों का कहना है कि भगवान गणेश कभी मांस खाते ही नहीं थे। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के विरोध का संज्ञान लेते हुए भारतीय उच्चायोग ने कहा है कि मांस उत्पादक समूह ‘मीट ऐंड लाइवस्टॉक ऑस्ट्रेलिया’ का यह विज्ञापन भद्दा और अपमानजनक है।
Very offensive adv by Meat & Livestock Australia(MLA), depicting Lord Ganesha drinking wine & eating lamb? take action mam @SushmaSwaraj pic.twitter.com/5FZxSW95V9
— Madhulika kak ?? (@madskak) September 5, 2017
भारतीय उच्चायोग ने बताया कि भारतीय समुदाय इस बात को लेकर नाराज है कि भगवान गणेश कभी मांसाहार नहीं करते हैं और न ही उन्हें कभी मांस चढ़ाया जाता है। उच्चायोग ने बताया कि सिडनी में भारत के महावाणिज्य दूत ने इस मामले को सीधे मीट ऐंड लाइवस्टॉक ऑस्ट्रेलिया के समक्ष उठाते हुए उनसे इस विज्ञापन को हटाने की मांग की है।
रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया की विज्ञापन नियामक संस्था ऐडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स ब्यूरो ने कहा है कि इस विज्ञापन के विरोध में अब तक 30 से ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी हैं। साथ ही इस विज्ञापन के खिलाफ एक ऑनलाइन अभियान भी चलाई गई जिसे हजारों लोगों का समर्थन मिला। इन विरोध प्रदर्शनों के बाद इस संबंध में एक आधिकारिक राजनयिक शिकायत दर्ज कर ली गई है।