तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर हुए संघर्ष में कम से कम पांच पुलिसकर्मियों की मौत होने और 60 अन्य लोगों के घायल होने की घटना पर हैरानी जताते हुए मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निगरानी में लगातार इस प्रकार की घटनाओं ने भारत में लोकतंत्र की मौत को आमंत्रित किया है।
असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के अचानक खूनी संघर्ष में तब्दील हो जाने से राज्य की “संवैधानिक सीमा” की सुरक्षा कर रहे असम पुलिस के कम से कम पांच जवानों की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक समेत 60 अन्य घायल हो गए। घायल जवानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
तृणमूल के राष्ट्रीय सचिव ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘मैं असम-मिजोरम सीमा पर हुई निर्मम हिंसा का समाचार सुनकर स्तब्ध हूं। मैं शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। भाजपा की निगरानी में लगातार इस प्रकार की घटनाओं ने भारत में लोकतंत्र की मौत को आमंत्रित किया है।’’
Shocked & Stunned to hear about the ruthless violence that has transpired at the #AssamMizoramBorder. My condolences to the bereaved families.
Such unremitting incidents under @BJP4India's watch have invited the death of democracy in our nation.
INDIA DESERVES BETTER!
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) July 27, 2021
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों क्रमशः हिमंत बिस्वा सरमा और जोरमथंगा से बात की और उनसे विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह किया। दोनों पक्षों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे की पुलिस को जिम्मेदार ठहराया और केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की। इस मामले को लेकर असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के बीच सार्वजनिक रूप से कहासुनी भी हुई है।
असम के बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। एक क्षेत्रीय विवाद के बाद, इस साल अगस्त 2020 और फरवरी में अंतर-राज्यीय सीमा पर झड़पें हुईं। (इंपुट: भाषा के साथ)