चुनाव आयोग के अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश को चुनौती देंगे PM मोदी के हेलिकॉप्टर की तलाशी लेने वाले IAS अधिकारी मोहम्मद मोहसिन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की कथित रूप से जांच करने वाले एक ईमानदार आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने बड़ी राहत दी है। कैट की एक पीठ ने गुरुवार को चुनाव आयोग के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें उसने ओडिशा में प्रधानमंत्री मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने के कारण मोहसिन को निलंबित कर दिया था। अब इस मामले में तीन जून को सुनवाई की जाएगी।

चुनाव आयोग द्वारा दिए गए निलंबन के आदेश पर कैट से राहत मिलने के एक दिन बाद मोहसिन ने एक और कानूनी लड़ाई शुरू करने का फैसला किया है। मोहसिन अब उन्हें चुनाव आयोग द्वारा चुनाव ड्यूटी से हटाकर उनके खिलाफ राज्य सरकार से की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश को कानूनी चुनौती देंगे। कर्नाटक कैडर के अधिकारी मोहसिन को बतौर पर्यवेक्षक पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर जांचने के कारण 17 अप्रैल को निलंबित कर दिया गया था।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी मोहसिन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ एक कानूनी उपाय हासिल करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, ’25 अप्रैल 2019 की रात में आयोग ने एक आदेश जारी किया था, साथ ही निलंबन का आदेश रद्द कर दिया। कर्नाटक सरकार से यह भी सिफारिश की गई कि वह अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करे और मेरी चुनाव ड्यूटी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है।’

उन्होंने कहा, ‘मैं 25 अप्रैल 2019 के आदेश के खिलाफ एक उचित कानूनी उपाय हासिल करूंगा।’ मोहसिन ने कहा कि मामले के अच्छे-बुरे पहलू के बारे में बात करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि मामला विचाराधीन है। मोहसिन ने प्रधानमंत्री के काफिले में शामिल कुछ सामान की जांच करने का प्रयास किया था जब वह बेंगलुरू में प्रचार के लिए आए थे और चुनाव आयोग ने कहा था कि उन्होंने उसके वर्तमान निर्देशों का उल्लंघन करते हुए काम किया है।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि मोहम्मद मोहसिन ओडिशा की संभलपुर लोकसभा सीट के जनरल पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात थे।  मोहसिन पर आरोप है कि उन्होंने एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों से व्यवहार के नियमों का ‘उल्लंघन’ करते हुए ओडिशा में प्रधानमंत्री के हेलिकॉप्टर की जांच की थी।

मोहसिन के नेतृत्व में चुनाव आयोग के उड़न दस्ते ने 16 अप्रैल को रैली करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलिकॉप्टर की तलाशी ली थी। निलंबन आदेश में चुनाव आयोग की ओर से कहा गया था कि कर्नाटक कैडर के 1996 बैच के आईएएस अधिकारी मोहम्‍मद मोहसिन ने एसपीजी सुरक्षा प्राप्‍त गणमान्‍य व्‍यक्तियों के लिए तयशुदा निर्देशों का पालन नहीं किया।

इसके बाद मोहसिन को वापस राज्य भेज दिया गया था। हालांकि कैट द्वारा निलंबन पर रोक लगाए जाने के कुछ घंटे बाद चुनाव आयोग ने अपना आदेश वापस ले लिया, लेकिन कर्नाटक सरकार से मोहसिन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की और अगले आदेश तक उनकी चुनाव ड्यूटी पर रोक लगा दी।

कैट ने दी बड़ी राहत

कैट की पीठ ने गुरुवार को ओडिशा में प्रधानमंत्री के हेलिकॉप्टर की जांच करने के लिए मोहसिन को निलंबित करने के चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगा दी थी। कैट ने अपने आदेश में कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को संरक्षण और सुरक्षा के तार्किक आश्वासन उपलब्ध कराए जाने के बावजूद यह नहीं कहा जा सकता कि ‘वे कुछ भी और सबकुछ के लिए पात्र हैं।’ पीठ ने चुनाव आयोग और चार अन्य को इस मामले में नोटिस जारी करके, इसकी अगली सुनवाई छह जून को करना तय किया।

विपक्षी दलों ने साधा था निशाना

आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन पर आदेश की उवहेलना और ड्यूटी के दौरान निर्देशों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, विपक्षी दलों ने अधिकारी के निलंबन पर नाराजगी जताई थी, जिसमें कहा गया था कि ऐसा कोई नियम नहीं है जो चुनावों के दौरान किसी को भी इस तरह की चेकिंग से छूट देता हो। विपक्ष ने निलंबन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वो अधिकारी अपनी ड्यूटी कर रहा था। उसे आखिर क्यों हटाया क्या? आखिर पीएम मोदी अपने हेलीकॉप्टर में ऐसा क्या लेकर जा रहे थे जो देश से छिपाना चाहते थे?

 

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