वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी का चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ एक बार फिर गैर जिम्मेदाराना खबरों की वजह से चर्चा में है। दरअसल, हैदराबाद पुलिस इस्लामिक स्टेट (आईएस) के प्रति कथित निष्ठा जताने वाले तीन मुस्लिम युवकों के खिलाफ दर्ज राष्ट्रद्रोह के केस को बंद करने की तैयारी में है। पुलिस के मुताबिक ‘रिपब्लिक टीवी’ द्वारा तीनों युवकों के खिलाफ किए गए कथित स्टिंग टेप नहीं देने के कारण यह फैसला लेना पड़ा है।रिपोर्ट के मुताबिक रिपब्लिक टीवी ने एक कथित स्टिंग में दावा किया था कि हैदराबाद के तीन मुस्लिम युवको का रुझान आईएस की तरफ है और ये आईएस में शामिल होने के लिए सीरिया में जाना चाहते हैं। इस स्टिंग के आधार पर इन युवको पर राष्ट्र द्रोह का मुकदमा चल रहा था लेकिन हैदराबाद पुलिस ने आईएस के प्रति निष्ठा जताने वाले युवकों के खिलाफ दर्ज राष्ट्रद्रोह के मामले को बंद करने की तैयारी में है।
हैदराबाद पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए दावा किया है कि ‘रिपब्लिक टीवी’ द्वारा ओरिजिनल (मूल/असली) टेप नहीं दिए जाने के कारण यह फैसला लेना पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस द्वारा इस मामले में जल्द ही क्लोजर रिपोर्ट फाइल की जाएगी। रिपब्लिक टीवी ने पिछले साल स्टिंग ऑपरेशन किया था। चैनल ने अपने स्टिंग में तीन मुस्लिम युवाओं को आईएस के प्रति निष्ठा जताते हुए दिखाया था।
जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद हैदराबाद पुलिस ने पिछले साल मई, 2017 में अब्दुल्ला बासित, सलमान मोहीउद्दीन और अब्दुल हनान कुरैशी के खिलाफ राष्ट्रद्रोह और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया था। इन्हें हिरासत में भी लिया गया था, लेकिन बाद में छोड़ दिया गया था। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। अब पुलिस का कहना है कि चैनल के द्वारा मूल टेप उपलब्ध नहीं कराने के कारण इस मामले को बंद करने का फैसला किया है।
चैनल द्वारा दिखाए गए स्टिंग के आधार पर पुलिस ने अब्दुल्ला बासित को मालदा से वर्ष 2014 में और नागपुर एयरपोर्ट से वर्ष 2016 में गिरफ्तार किया गया था। फुटेज में उसने कहा था कि सीरिया जाने में विफल रहने पर वह भारत में ही कुछ करेगा। उसने दिलसुखनगर की तर्ज पर कुछ करने की बात कही थी। फरवरी, 2013 में हैदराबाद के दिलसुखनगर में हुए धमाके में 18 लोग मारे गए थे। उसने देश में शरिया कानून लागू कराने की भी बात कही थी।
चैनल के कथित स्टिंग में उसने कहा था कि इस प्रक्रिया में या तो वह हत्या करेगा या खुद मारा जाएगा। उसने लोकतंत्र को खारिज किया था। अब्दुल कुरैशी भी इन्हीं लोगों में शामिल था। उसने कथित तौर पर आईएस में अपने सूत्रों के होने का दावा किया था। सलमान को भी फुटेज में आईएस में जाने के बारे में बात करते हुए देखा गया था। स्टिंग ऑपरेशन के बाद हैदराबाद पुलिस ने तीनों युवकों को पूछताछ के लिए बुलाया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सबूत नहीं मिलने पर उन्हें छोड़ दिया गया था। डीसीपी (डिटेक्टिव डिपार्टमेंट) अविनाश मोहंती ने बताया कि तीनों पूछताछ के लिए पुलिस अधिकारियों के समक्ष हर सप्ताह पेश हो रहे थे। उन्हें छुपते या साजिश करते हुए नहीं पाया गया। रिपब्लिट टीवी द्वारा दिखाए गए फुटेज के बारे में तीनों ने कहा था कि उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किय गया था।
गौरतलब है कि इससे पहले भी रिपब्लिक टीवी पर कई बार फर्जी खबरे चलाने का आरोप लग चूका है। इससे पहले रिपब्लिक टीवी अपने गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग के लिए ABP न्यूज़ से लाइव टीवी पर माफ़ी मांग चुका है। एबीपी न्यूज ने रिपब्लिक टीवी पर एक लाइव प्रसारण के दौरान ‘गुंडे’ के रूप में अपने एक रिपोर्टर को दिखाए जाने को लेकर अर्नब गोस्वामी से ऑन-एयर माफी की मांग की थी।