हिंदू महासभा की अलीगढ़ इकाई ने रविवार (18 मार्च) को एक विवादित हिंदू नववर्ष का कैलेंडर जारी किया। इस कैलेंडर में आगरा के प्रसिद्ध ताजमहल सहित सात मस्जिद और मुगलकालीन स्मारकों को ‘मंदिर’ बताया गया है। इतना ही नहीं इस विवादित कैलेंडर में मुस्लिम समुदाय के सबसे बड़े तीर्थ स्थल मक्का मदीना को ‘मक्केश्वर महादेव मंदिर’ बताया गया है।कैलेंडर में इस तस्वीर के साथ ही एक संदेश छापा गया है कि यहां कभी शिव मंदिर था। इसलिए शिवलिंग आज भी खंडित अवस्था में मौजूद है। वहीं, इस कैलेंडर में जौनपुर के अटाला मस्जिद को अटाला देवी मंदिर और अयोध्या में विध्वंस बाबरी मस्जिद को राम जन्मभूमि बताया गया है। यह विवादित कैलेंडर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक नया विवाद शुरू हो गया है।
वहीं, आगरा के प्रसिद्ध ताजमहल को ‘तेजो महालय शिव मंदिर’, मध्य प्रदेश के कमल मौला मस्जिद को भोजशाला और काशी की ज्ञानव्यापी मस्जिद को विश्वनाथ मंदिर बताया गया है। इस विवादित कैलेंडर में सात मस्जिदों के नाम बदल दिए गए है।इसमें ताजमहल का नाम बदलकर ‘तेजो महालय शिव मंदर’, मक्का का नाम बदलकर मक्केश्वर महादेव मंदिर, मध्यप्रदेश के कमल मौला मस्जिद को भोजशाला, बनारस की ज्ञानव्यापी मस्जिद को विश्वनाथ मंदिर, अटाला मस्जिद को अटाला देवी मंदिर और अयोध्या के बाबरी मस्जिद को श्रीराम जन्मभूमि बताया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडे ने बताया कि हिंदू नववर्ष का स्वागत उन लोगों ने हवन के साथ किया है। इस अवसर पर हिंदू नववर्ष का कैलेंडर जारी किया गया है और मांग की है कि देश को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। पूजा ने कहा कि विदेशी आक्रमणकारियों ने देश के हिंदू धर्म स्थलों को लूटा और हिंदुओं के धार्मिक स्थलों के नाम बदलकर उन्हें मस्जिद बना दिया।
उन्होंने बताया कि अब उन्हें चाहिए कि हिंदुओं के धार्मिक स्थल उन्हें वापस कर दिए जाएं। यदि मुस्लिम दरियादिली दिखाते हैं तो हम लोग वापस मिले धार्मिक स्थलों के नाम फिर से वास्तविक नामों पर कर देंगे। उन धार्मिक स्थलों के वास्तविक नाम कैलेंडर में दिए गए हैं, उन्हें वही नाम दिए जाएंगे।