नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जारी नए निर्देश के मुताबिक अब सभी भारतीय एयरलाइन्सों को अंग्रेजी अखबारों के साथ-साथ हिंदी अखबार और मैगजीन भी प्लेन रखने होंगे। जी हां, डीजीसीए ने सभी भारतीय एयरलान्स को हिंदी समाचार पत्रों और पत्रिकाओं को संचालित करने की सलाह दी है।
PHOTO: Indian Expressमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डीजीसीए ने यह सुनिश्चित करने के लिए नोटिस जारी किया है कि प्लेन में यात्रा करने वाले यात्रियों को अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में पढ़ने वाली सामग्री प्रदान की जानी चाहिए। डीजीसीए के संयुक्त निदेशक ललित गुप्ता ने एयरलाइंस को एक पत्र में कहा कि एयरलाइन्स में हिंदी रीडिंग सामग्री उपलब्ध ना कराना भारतीय सरकार की आधिकारिक भाषा की नीति के खिलाफ है।
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने डीजीसीए के इस निर्देश पर चुटकी ली है। उन्होंने इस फैसले की खबर पोस्ट करते हुए लिखा अब डीजीसीए भारतीय विमानों में शाकाहारी खाने के साथ हिंदी प्रकाशन के अखबार और पत्रिकाएं यात्रियों को पढ़ने के लिए देना चाहता है।
DGCA now wants Hindi publications served on Indian flights (together with vegetarian meals?)! https://t.co/gpkZVKFcOu
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 26, 2017
शाकाहारी खाने पर विवाद
गौरतलब है कि इससे पहले इस महीने की शुरुआत में एयर इंडिया ने इकोनॉमी क्लास के घरेलू विमान यात्रियों को नॉन-वेज नहीं देने का फैसला किया था। जिसे लेकर विवाद पैदा हो गया था। हालांकि, एयर इंडिया के इंटरनेशनल और डोमेस्टिक रूट्स पर बिजनेस, फर्स्ट क्लास के यात्रियों को खाने में नॉनवेज (मांसाहारी) मिलता रहेगा।
अधिकारियों का कहना था कि लागत व खर्च में कटौती के लिए यह कदम उठाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य जून से ही यह सेवा बंद कर दी गई है। इस मामले में एयर इंडिया के एक अधिकारी जीपी राव ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में बताया था कि यह फैसला केवल घरेलू इकोनॉमी क्लास के यात्रियों के लिए है।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय (कोई गैर शाकाहारी भोजन) केवल घरेलू अर्थव्यवस्था कक्षा यात्रियों के लिए प्रभावी है। इससे खर्च और लागत में कमी आएगी। मीडिया रिपोर्ट में बताया कि यात्रिओं को मांसाहारी खाना ना दिए जाने से एयर इंडिया को सालाना करीब दस करोड़ रुपए की बचत होगी।