हाईकोर्ट ने JNU के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले को CBI को किया ट्रांसफर, 6 माह बाद भी ढूंढ नहीं पाई है पुलिस

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  • 14 अक्तूबर 2016- रात के वक्त नजीब अहमद का जेएनयू में कथित तौर पर एबीवीपी छात्रों से झगड़ा हुआ।
  • 15 अक्तूबर 2016- दोपहर नजीब हॉस्टल छोड़ कर कहीं चला गया, लापता होने का आरोप लगा।
  • 16 अक्तूबर 2016- पुलिस ने नजीब के गायब होने का मामला दर्ज करने के बाद जांच शुरू की।
  • 20 अक्तूबर 2016- नजीब के बारे में सूचना देने वालों को 50 हजार रुपये देने का किया ईनाम घोषित।
  • 25 अक्तूबर 2016- नजीब मामले में पुलिस ने ईनाम की राशि 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख की।
  • 04 नवंबर 2016- नजीब की सूचना देने वाले के लिए ईनाम की राशि बढ़ाकर की गई दो लाख रुपये।
  • 05 नवंबर 2016- पुलिस ने नजीब की तलाश के लिए जारी किया वीडियो विज्ञापन।
  • 12 नवंबर 2016- नजीब मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई।
  • 15 नवंबर 2016- नजीब मामले में ईनाम की राशि पांच लाख रुपये की गई।
  • 16 नवंबर 2016- पुलिस ने उस आटो चालक को ढूंढ निकाला, जिस पर सवार होकर नजीब निकला था।
  • 28 नवंबर 2016- ईनाम की राशि बढ़ाकर दस लाख रुपये कर दी गई।
  • 16 मार्च 2017- नजीब को पांच महीने बाद भी ढूंढने में नाकाम रही दिल्ली पुलिस को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार।
  • कोर्ट ने पुलिस को लताड़ते हुए कहा कि आप सिर्फ पेपर वर्क पर ध्यान दे रहे हैं और जनता का पैसा बर्बाद कर रहे हैं।
  • 16 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने JNU के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले को CBI को किया ट्रांसफर।

 

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