उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में दलित युवती के साथ हुई गैंगरेप की घटना का मामला इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब छाया हुआ है। इस बीच, हाथरस गैंगरेप पीड़िता के भाई ने पुलिस और जिला प्रशासन पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। पीड़िता के भाई ने दावा किया है कि, हमें डराया-धमकाया जा रहा है और पुलिस हमें बाहर नहीं जाने दे रही। इसके साथ ही उसने दावा किया कि, पुलिस द्वारा उनके सभी मोबाइल फोन भी छीन लिए गए है।
पीड़िता का भाई किसी तरह पुलिस की नजरों से बचकर खेतों के रास्ते भागते हुए शुक्रवार को मीडिया के सामने पहुंचा। पीड़िता के भाई ने कहा, “हमको डराया-धमकाया जा रहा है। हमारा मोबाइल फोन भी छीन लिया गया है, तांकि किसी को ना बुला सकें। सबका फोन छीन लिया। किसी को बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं, पुलिस ने चारों और से घेराबंदी कर रखी है। हमारी मां और भाभी ने कहा था कि मीडिया को बुलाकर लाओ, हम उनसे बात करेंगे।”
वहीं, मीडियाकर्मियों द्वारा यह पूछे जाने पर कि तुम यहां तक कैसे पहुंचे तो उसने कहा कि, “मैं खेतों से छुप-छुपकर यहां तक पहुंचा हूं। डीएम साहब ने कल मेरे ताऊजी को मारा। डीएम साहब ने उनकी छाती पर लात मारी। जिससे उनकी तबीयत भी ख़राब हो गई। सबको कमरे में बंद कर दिया। पुलिस चारों और लगी हुई है, चाहे वो छत पर हो या अन्य जगह पर।’
अपराधियों के अमानवीय कृत्य के कारण अपनी बच्ची को गंवाने वाले हाथरस के परिवार अब जिला तथा पुलिस प्रशासन के बाहुबल से परेशान है। इनका गांव बूलगढ़ी तो पुलिस की छावनी बना है, पुलिस ने पूरे गांव को सील कर दिया है। गांव को छावनी में बदल दिया गया है। गांव के घरों में पुलिस ने ताला लगाया है। यहां पर लोगों को उनके घरों में कैद कर दिया गया है। लोगों को बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है।