तमाम कयासों के बीच गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल 12 मार्च को आधिकारिक तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। हार्दिक ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। हालांकि, इससे पहले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) ने शुक्रवार को ही पीटीआई से बातचीत में इसकी घोषणा कर दी थी। इससे पहले पास की कोर समिति की राजकोट में बैठक हुई। बता दें कि हार्दिक, पास के संयोजक हैं।

हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर लिखा, ‘देश और समाज की सेवा के मकसद से अपने इरादों को मूर्तरूप देने के लिए मैंने 12 मार्च को श्री राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया है।’
To give shape to my intentions to serve society & country, I have decided to join Indian National Congress on 12th March in presence of Shri Rahul Gandhi & other senior leaders.
— Hardik Patel (@HardikPatel_) March 10, 2019
पाटीदार नेता ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘मैं यह भी कहना चाहता हूं कि यदि कोई कानूनी अड़चन नहीं आई और पार्टी ने मुझे चुनाव में उतारने का फैसला किया तो मैं पार्टी के फैसले का पालन करूंगा। मैं भारत के 125 करोड़ नागरिकों की सेवा करने के लिए यह कदम उठा रहा हूं।’’
I would also like to state that if there is no legal hindrance and party decides to field me in electoral politics, I would abide by the party’s decision. I am taking this step to serve 125 core citizens of India.
— Hardik Patel (@HardikPatel_) March 10, 2019
इससे पहले पास की कोर समिति की सदस्य गीता पटेल ने पीटीआई से कहा था कि हार्दिक 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल होंगे, जब राहुल गांधी गुजरात में होंगे। हार्दिक को अहमदाबाद में एक रैली में पार्टी में शामिल किया जाएगा। राजद्रोह के आरोपों से घिरे और जमानत पर चल रहे हार्दिक पटेल ने घोषणा की थी कि वे गुजरात से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। गीता ने कहा कि हार्दिक अमरेली, मेहसाणा या जामनगर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि अभी कुछ तय नहीं हुआ है। चूंकि वे कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं तो अब पार्टी ही सीट के बारे में निर्णय लेगी।
कांग्रेस ने घोषणा की है कि गांधी और अन्य वरिष्ठ नेता 12 मार्च को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक और एक जनसभा के लिए अहमदाबाद में होंगे। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक पहले 28 फरवरी को हुई थी, लेकिन पाकिस्तान के बालाकोट में वायुसेना के हवाई हमले के आलोक में इसे स्थगित कर दिया गया था। हार्दिक पटेल शिक्षा और नौकरियों में अपने समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर गुजरात में हुए जबर्दस्त प्रदर्शन के बाद सुर्खियों में आए थे। दिसंबर 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक ने कांग्रेस के प्रति अपने समर्थन की घोषणा की थी।
कानूनी बाधाओं से पाना होगा पार
बता दें कि गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है और कांग्रेस प्रदेश पर पूरा ध्यान लगा रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी को पार्टी ने यहां कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि, हार्दिक पटेल की लोकसभा चुनाव लड़ने की योजना तभी सफल होगी, जब वह कानूनी बाधाओं को पार कर लेंगे। गौरतलब है कि पटेल को 2015 के पाटीदार कोटा आंदोलन से जुड़े एक दंगे के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। यह (दोषसिद्धि और दो साल या इससे अधिक की सजा) उन्हें चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करती है।
पिछले साल जुलाई में मेहसाना जिला की एक सत्र अदालत ने पटेल को दंगा और आगजनी के मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाई थी। यह घटना जिले के विसनगर कस्बे में 2015 में हुई थी। हालांकि, उनकी कैद की सजा पर अदालत ने रोक लगा दी, लेकिन उनकी दोषसिद्धि निलंबित नहीं की गई। पटेल ने निचली अदालत द्वारा खुद को दोषी करार दिए जाने के खिलाफ गुजरात उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर रखी है। बता दें कि चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में कराने की रविवार शाम घोषणा कर दी। मतगणना 23 मई को होगी।