भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पंड्या ने गुरुवार (22 मार्च) को देश का संविधान बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले भीमराव अंबेडकर को सोशल मीडिया पर अपमानित करने की बात को नकार दिया। दरअसलस इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें संस्करण की तैयारियों में लगे पंड्या उस समय विवादों में फंस गए जब उनके नाम वाले एक फर्जी ट्विटर खाते से अंबेडकर को आरक्षण नीति को लेकर बुरा-भला कहा गया।
(Source: Reuters)समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबि हार्दिक के नाम वाले उस फर्जी अकाउंट से ट्वीट कर कहा गया, ‘आंबेडकर कौन? जिसने क्रॉस लॉ और संविधान बनाया या वह जिसने देश में आरक्षण जैसी बीमारी फैलाई।’ इसके बाद राजस्थान अदालत ने बुधवार को जोधपुर पुलिस को पंड्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा था। पंड्या ने गुरुवार को एक बयान जारी कर इस विवाद में शामिल होने की बात को नकारा है।
उन्होंने कहा कि, ‘मीडिया में कई गुमराह करने वाली खबरें चली हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मैंने एक ऐसी पोस्ट की है जिसमें बीआर अंबेडकर को बेइज्जत किया गया है। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि इस तरह की कोई भी ट्वीट या बयान मैंने सोशल मीडिया या कहीं और जारी नहीं किया है।’ इस हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, ‘जो ट्वीट सवालों के घेर में है, जिसमें मेरा नाम और मेरी तस्वीर है, वो अकाउंट फर्जी है। मैं कोई भी आधिकारिक संवाद करने के लिए अपने वैरिफाइड ट्विटर खाते का इस्तेमाल करता हूं।’
My statement. pic.twitter.com/P67YZLJqsl
— hardik pandya (@hardikpandya7) March 22, 2018
हार्दिक ने कहा, ‘मेरे दिल में अंबेडकर, भारतीय संविधान और सभी सुमदायों के लिए काफी इज्जत है। मैं कभी इस तरह के विवाद में नहीं पड़ता जिसमें किसी समुदाय को निशाना बनाया जाए। मैं सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने प्रशंसकों से जुड़ने के लिए करता हूं।’ पंड्या ने कहा कि वह कोर्ट से अपना नाम इस मामले से हटाने की अपील करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘इस बात को साबित करने कि यह ट्वीट फर्जी है और मैंने नहीं किया है, मैं अदालत में जरूरी सबूत उपलब्ध कराऊंगा। मैं इस मुद्दे को उठाउंगा कि मेरी पहचान लेकर एक जालसाज ने यह पोस्ट किया ताकि मेरी छवि को नुकसान पहुंचे, जो एक ऐसी समस्या है जिसका सामना आज के समय देश में कई जानी पहचानी शख्सियतों को लगातार करना पड़ रहा है।’