भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर हरभजन सिंह ने रिटायरमेंट लेने के कुछ दिनों बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर कई गंभीर आरोप लगाए है। उनके इस खुलासे के बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड में शामिल अधिकारियों को नई शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है।

विश्व कप विजेता इस गेंदबाज ने दो टीवी चैनलों को बताया है कि कैसे बीसीसीआई अधिकारियों की हरकत से उन्हें अपना करियर खत्म करने के लिए मजबूर होना पड़ा। हरभजन सिंह ने कहा कि वह निराश हैं कि उन्हें उनके घरेलू मैदान से टीम इंडिया की जर्सी में संन्यास नहीं लेने दिया गया। उन्होंने ज़ी न्यूज़ को बताया कि प्रतिष्ठान के कई लोगों ने उनके करियर को समाप्त करने की पूरी कोशिश की, जब वह नियमित रूप से भारत के लिए विकेट ले रहे थे।
हरभजन ने कहा, “चयनकर्ताओं ने कभी मेरे कॉल का जवाब नहीं दिया। बीसीसीआई ने भी कुछ नहीं किया। कोई यह नहीं बता पा रहा था कि मेरे जैसा सीनियर खिलाड़ी के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है। मुझे उम्मीद है कि उन्हें एक दिन एहसास होगा कि उन्होंने मेरे साथ क्या किया।”
क्या कप्तान के तौर पर महेंद्र सिंह धोनी ने उनका साथ नहीं दिया? इसपर हरभजन ने कहा, “एमएस धोनी वास्तव में कप्तान थे, लेकिन यह उनकी क्षमता से परे था। एमएस धोनी ने भले ही मेरी मदद करने की कोशिश की हो, लेकिन एक कप्तान कभी भी बीसीसीआई के अधिकारियों से बड़ा नहीं होता।”
हरभजन ने इंडिया टीवी को बताया था कि कैसे भारत को विश्व कप जीतने में मदद करने के बाद रहस्यमय तरीके से उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। सिंह ने कहा कि वह 31 साल के थे जब उन्होंने टेस्ट मैचों में 400 विकेट पूरे किए। उन्होंने कहा कि वह कम से कम 100-200 और टेस्ट मैच खेलने में सक्षम थे।
हरभजन ने कहा, “लेकिन मुझे टीम का प्रतिनिधित्व करने के लिए कभी नहीं चुना गया। यह हमेशा एक रहस्य था और रहेगा कि कैसे 400 विकेट लेने वाला खिलाड़ी टीम से बाहर हो जाता है। वह रहस्य आज तक सुलझ नहीं पाया है।”
पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि उन्हें पता है कि टीम से उनके बाहर होने के लिए कौन जिम्मेदार हो सकता है लेकिन वह अपनी आने वाली किताब में उनके नामों का खुलासा करेंगे। हरभजन ने कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड युवराज सिंह, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर के संन्यास को संभाल सकता था।
हरभजन सिंह काफी समय तक भारतीय टीम के नंबर वन स्पिनर रहे। लेकिन साल 2011 के वर्ल्ड कप के बाद टीम में उनकी जगह पक्की नहीं रही। इसके बाद उन्होंने भारत के लिए बहुत कम मैच ही खेले। 2013 चैंपियंस ट्रॉफी की टीम से उन्हें ड्रॉप कर दिया गया था। वह 2015 वर्ल्ड कप की टीम का भी हिस्सा नहीं थे। हालांकि 2016 में भारत में हुए टी20 वर्ल्ड कप के लिए उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया था लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं दिया गया था।
बता दें कि, 41 वर्षीय हरभजन ने पिछले महीने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने दिसंबर 2021 में अपने 23 साल के शानदार क्रिकेट करियर को विराम दिया। भारत के पूर्व क्रिकेटर ने स्पष्ट किया कि वह आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे।
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