पिछले काफी समय से आधार और डेटा सुरक्षा को लेकर चर्चा जारी है। दरअसल सरकारी योजनाओं से लेकर नर्सरी में एडमिशन और सिम कार्ड खरीदने तक में आइडेंडिटी के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया है। सभी सरकारी सेवाओं के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ सुनवाई कर रही है। इस बीच भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष आरएस शर्मा की निजी जानकारियां ट्विटर पर लीक होने के बाद अब डेटा सुरक्षा को लेकर नए स्तर से चर्चा शुरू हो गया है।
(Source: PIB/Twitter)वहीं, ट्राई अध्यक्ष आरएस शर्मा के आधार से जुड़ी जानकारी लीक करने के बाद हैकर्स ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुली चुनौती दे डाली है। इलियट एंडरसन नाम के हैकर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका आधार नंबर जारी करने की चुनौती दी है। हैकर्स ने कहा, ‘नमस्ते नरेंद्र मोदी, क्या आप अपना आधार नंबर प्रकाशित कर सकते हैं (अगर आपके पास है)?’
Hi @narendramodi,
Can you publish your #Aadhaar number (if you have one)?
Regards,
— Elliot Alderson (@fs0c131y) July 28, 2018
आधार चैलेंज देकर बुरे फंसे ट्राई प्रमुख
बता दें कि ट्राई प्रमुख ने ट्विटर पर अपना आधार नंबर सार्वजनिक तौर पर जारी करते हुये खुली चुनौती दी थी कि क्या केवल आधार नंबर जानने से ही कोई उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद ट्विटर इस्तेमाल करने वालों के बीच खुली जंग छिड़ गई और इनमें से एक हैकर्स ने शर्मा की व्यक्तिगत जानकारी, पैन, मोबाइल नंबर, घर का पता इत्यादि बताना शुरू कर दिया।
ट्राई प्रमुख ने ‘आधार’ की सुरक्षा का पुख्ता दावा करते हुए अपना 12 अंकों का आधार नंबर जारी करते हुए कहा था कि कोई मेरे आंकड़े लीक करके दिखाए। हैरानी की बात यह है कि उनकी इस चुनौती के कुछ घंटे बाद ही उनके आंकड़े लीक हो गए। एक ट्विटर यूज़र ‘एलियट एल्डर्सन’ ने उनका पता, आधार से जुड़ा फोन नंबर, ई-मेल आईडी, जन्मतिथि और उनकी व्हाट्सऐप की तस्वीर भी सार्वजनिक कर दी। हालांकि पता और जन्मतिथि को छुपाकर दिखाया गया।
समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक इलियट एंडरसन उपनाम वाले फ्रांस के एक सुरक्षा विशेषज्ञ का ट्विटर हैंडल ‘@foc131y’ है। उन्होंने ट्वीट्स की सीरीज में शर्मा के निजी जीवन के कई आंकड़े, उनके 12 अंकों की आधार संख्या के माध्यम से जुटाकर जारी कर दिए, जिनमें शर्मा का निजी पता, जन्मतिथि, वैकल्पिक फोन नंबर आदि शामिल है। उन्होंने इन आंकड़ों को जारी करते हुए शर्मा को बताया कि आधार संख्या को सार्वजनिक करने के क्या खतरे हो सकते हैं।
ट्राई प्रमुख के समर्थन में कूदा यूआईडीएआई
इस बीच भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने ट्राई प्रमुख आर.एस. शर्मा के बचाव में उतरते हुए कहा कि शर्मा की जो व्यक्तिगत जानकारी ट्विटर पर डाली जा रही है, वह आधार डाटाबेस अथवा उसके सर्वर से नहीं ली गई है। इस बारे में डाटाबेस को हैक किए जाने के जो दावे किए जा रहे हैं वह जानकारी गूगल सर्च पर आसानी से उपलब्ध है। इसके लिए 12 अंकों के विशिष्ट पहचान संख्या की आवश्यकता भी नहीं है।
यूआईडीएआई ने एक बयान जारी कर कहा है, ‘….. ट्विटर पर जिस व्यक्ति, आर एस शर्मा की जानकारी को प्रकाशित किया जा रहा है वह आधार डाटाबेस से नहीं या फिर यूआईडीएआई के सर्वर से नहीं उठाई गई है।’ इसमें कहा गया है कि शर्मा पिछले कई दशकों से सरकारी सेवा में हैं और उनके बारे में काफी कुछ जानकारी गूगल सर्च तथा कई अन्य साइट पर उपलब्ध है। यह जानकारी आधार नंबर के बिना भी गूगल पर केवल सामान्य खोज करने से उपलब्ध हो जाएगी।
यूआईडीएआई ने कहा, ‘वास्तव में जिस जानकारी को हैक करके प्राप्त जानकारी बताया जा रहा है… जैसे शर्मा का व्यक्तिगत ब्यौरा, उनके घर का पता, जन्म तिथि, फोटो, मोबाइल नंबर, ई-मेल पता आदि ये तमाम जानकारी पहले से ही सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। बता दें कि ट्विटर पर खुद को फ्रांसीसी सुरक्षा शोधकर्ता बताने वाले एंडरसन ने अपनी व्याख्या वनप्लस, विको, यूआईडीएआई, किंभो तथा अन्य के लिए बुरे सपने के रूप में की है।