जुमे की नमाज को लेकर विवाद, गुरुग्राम में कथित हिंदूवादी समुदाय के लोगों ने कई जगहों पर खुले में नमाज पढ़ने से रोका

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हरियाणा के गुरुग्राम में शुक्रवार(4 मई) को कथित तौर पर हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने कई जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को जुमे की नमाज नहीं पढ़ने दी। आरोप है कि सड़कों व खुले स्थानों पर करीब 8 से 10 जगहों पर जुमे की नमाज पढ़ने से मुस्लिम समुदाय के लोगों को रोका गया।

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इन जगहों में सेक्टर-40 स्थित यूनिटेक साइबर पार्क के पास का इलाका, सहारा मॉल के सामने की सर्विस रोड और उद्योग विहार फेज-2 का इलाका अहम है। संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति नाम के संगठन ने लोगों को खुले में नमाज पढ़ने से रोकने का दावा किया है। यह समिति 12 स्थानीय हिंदूवादी समूहों से मिलकर बनी है, जिसमें बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, शिव सेना, हिंदू जागरण मंच और अखिल भारतीय हिंदू क्रांति दल के लोग शामिल हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोगों ने गाड़ियों में इन जगहों पर पहुंचकर लोगों को जुमे की नमाज अदा करने से रोक दिया। आरोप है कि इन लोगों ने नमाजियों को अवैध तरीके से देश में घुस आए बांग्लादेश बताया और उन्हें यहां से चले जाने को कहा। नमाजियों में डर पैदा करने के लिए ये कार्यकर्ता ‘जय श्रीराम’ के नारे भी लगा रहे थे। इनका यह भी आरोप है कि गुड़गांव शहर में बढ़ रहे अपराधों के लिए यही (नमाजी) लोग जिम्मेदार हैं।

ख़बराें के मुताबिक, इन संगठन के लोगों ने सिकंदरपुर, इफ्को चौक, अतुल कटारिया चौक, एमजी रोड और साइबर पार्क के नजदीक स्थित सड़कों व खुले स्थानों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को जुमे की नमाज नहीं पढ़ने दी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले 20 अप्रैल को 8-10 की संख्या में असामाजिक तत्वों ने जुमे की नमाज के लिए गुरुग्राम के सेक्टर 53 में जमा हुए मुसलमानों को ये कहते हुए भगा दिया था कि वे मस्जिदों में जाकर नमाज पढ़ें या फिर अपने गांव चले जाएं। इस दौरान कुछ कट्टरपंथियों ने ‘जय श्री राम, राधे राधे और राम राज आएगा’ जैसे नारे भी लगाए थे।जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।

एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, हिन्दू संगठनों का दावा है कि पुलिस की मध्यस्थता से समझौता हुआ है। जिसमें मुस्लिम समुदाय मस्जिद में ही नमाज पढ़ने को तैयार है पर मुस्लिम समुदाय का दावा है कि नमाज नहीं पढ़ने दी गयी और प्रशासन मदद नहीं कर रहा है।

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