इन दिनों जब लोकतंत्र का गला घोंटने और आवाजों को दबाने के लिए आधिकारिक तौर पर काम किया जाता है। आवाज उठाने वाले पत्रकारों की खुलेआम हत्या कर दी जाती हैं। ऐसे में आवाज उठाने वाली गुरमेहर कौर को अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘टाइम’ ने नये जमाने की लीडर और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की योद्धा बताया है।
टाइम मैगजीन ने उन्हें 2017 के ‘नेक्स्ट जेनरेशन लीडर्स’ की सूची में शामिल किया है। रोचक बात यह है कि गुरमेहर इस सूची में एकमात्र भारतीय हैं। बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी के खिलाफ एक अलग तरीके की वायरल पोस्ट लिखने के बाद गुरमेहर कौर को देश ने जाना था। स्टूडेंट एक्टिविस्ट और डीयू के लेडी श्री राम कॉलेज से इंग्लिश लिटरेचर की पढ़ाई कर रही गुरमेहर हाल ही में रामजस कॉलेज की घटना के दौरान चर्चा में आई थीं।
गुरमेहर कौर ने रामजस कॉलेज के दूसरे स्टूडेंट्स के साथ मिलकर दिल्ली यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा हिंसा करने के खिलाफ आवाज उठाई थी। उस दौरान गुरमेहर ने एक प्लेकार्ड के साथ तस्वीर सोशल मीडिया में पोस्ट की थी। प्लेकार्ड पर लिखा था कि ‘मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट हूं और मैं एबीवीपी से नहीं डरती।’
टाइम्स ने आर्टिकल में गुरमेहर का कोट दिया है, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं चुप क्यों बैठूं? मुझे ऐसा करने को कभी नहीं कहा गया। मुझे अहसास हुआ कि जो मैं बोलती हूं, लोग वो सुनते हैं। अगर मेरे पास कहने के लिए कुछ पॉजिटिव है तो मुझे क्यों नहीं बोलना चाहिए?”
पिछले साल 28 अप्रैल को गुरमेहर कौर ने सोशल मीडिया पर चार मिनट का वीडियो अपलोड किया था। इसमें उन्होंने एक-एक कर 36 पोस्टर दिखाए थे। लेकिन पोस्टर नंबर 13 वायरल हो गया। इसमें उन्होंने लिखा था कि पाकिस्तान ने मेरे पिता को नहीं मारा, बल्कि जंग ने मारा है। जब गुरमेहर ने एबीवीपी के खिलाफ कैम्पेन शुरू किया तो ट्रोलर्स ने उनके इसी पोस्टर नंबर 13 को वायरल कर दिया। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट हूं और एबीवीपी से नहीं डरती हूं। मैं अकेली नहीं हूं, भारत का हर स्टूडेंट मेरे साथ है।’