गुजरात में पटेल समुदाय को आरक्षण न देने के फैसले के बाद पाटीदारों ने बैंकों में जमा पैसों को निकलना शुरू कर दिया है ।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी गुजरात के वादरड गांव में एक दिन में 27 लाख रुपए बैंक से निकाले गए । वादरड से 15 किलोमीटर दूर खेरोल गांव में भी बैंकों के बहार पटेल लम्बी लाईनों में खड़े हो कर पैसेंनिकालते देखे गए ।
गुजरात सरकार से जाति के आधार पर आरक्षण न मिलने पर पटेलों ने सरकार की आर्थिक नींव को हिलाने का मन बना लिया है । हार्दिक पटेल को महारैली की सफलता के बावजूद उनकी मांगे ना माने जाने के बाद पटेल समुदाय में गुजरात सरकार के प्रति नाराज़गी के निशान साफ़ दिख रहे हैं ।
गुजरात की 6 करोड़ की आबादी में से सवा करोड़ की हिस्सेदारी पटेलों की है और 180 विधायकों में से 37 विधायक पटेल समुदाय से हैं ।
हार्दिक पटेल की मानें तो सिर्फ 10 फीसदी पटेलों के पास 10 बीघा से ज्यादा की ज़मीन है और बाकी बची आबादी के पास न तो बाहर जाने के लिए पैसे हैं न ही बच्चों को बड़े कॉलेज में पढ़ाने के लिए डोनेशन देने की फीस है ।
गुजरात की मुख्यमंत्री, आनंदीबेन पटेल जो खुद एक पाटीदार हैं उनका कहना है कि पटेलों की बात सुन कर उन्हें जातिगत आरक्षण के अंतर्गत लाना बहुत मुश्किल है ।
हार्दिक पटेल ने नरेन्द्र मोदी के गुजरात मॉडल पर निशाना साधते हुए कहा कि 13 सालों में गुजरात में कोई भी विकास मॉडल खड़ा नहीं हुआ । गुजरात के लोगों की समस्या और उन केलिए काम करने की जगह सिर्फ बड़े कारोबारियों को फायदा पहुँचाने वाली नीतियों को बढ़ावा दिया गया
बैंकों से पैसा निकाल कर अब पटेल समुदाय ने खुद की मौज़ूदगी को दर्शाने के लिए नया कदम उठाया है ।