दलित कार्यकर्ता और गुजरात के वडगाम से नवनिर्वाचित विधायक जिग्नेश मेवानी ने शुक्रवार(23 फरवरी) को ‘ADR Police & Media’ नाम के व्हॉट्सएप ग्रुप की बातचीत के वायरल होने के बाद उन्होंने अपने सुरक्षा और बचाव को लेकर सवाल उठाया है।
File Photo: The Indian Expressइस व्हॉट्सएप ग्रुप में कथित तौर पर दो वीडियो शेयर किए गए, एक वीडियो में नेता की पोशाक पहने एक शख्स को पुलिसवाले पीटते हुए दिखते हैं। जबकि दूसरे में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक इंटरव्यू के दौरान यूपी पुलिस के द्वारा किए जाने वाले एनकाउंटर के सवाल का जवाब देते दिख रहे हैं।
ख़बर के मुताबिक, ये वीडियो अहमदाबाद ग्रामीण के डीएसपी के उस संदेश के बाद अपलोड किए गए जिसमें कहा गया था- ‘जो लोग पुलिस के बाप बनना चाहते हैं और पुलिस को ‘लखोटा’ कहते हैं और जो पुलिस के वीडियो लेते हैं, उन्हें याद रखना चाहिए आप जैसे लोगों के साथ पुलिस वैसा ही व्यवहार करेगी। उन्हें सबक सिखा दिया जाएगा। गुजरात पुलिस।’
इस मैसेज को थम्प्स अप इमोजी के साथ और अहमदाबाद ग्रामीण के एसपी ने फॉलो किया था। इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक, अहमदाबाद ग्राणीण के डीएसपी आरबी देवधा ने कहा कि, ‘मैंने बस मैसेज को कॉपी पेस्ट किया था, जिन्हें दूसरे ग्रुप में फॉरवर्ड किया गया था। इसकी गलत तरीके से व्याख्या हुई, यह निजी मैसेज नहीं था और न ही यह धमकी थी। यह केवल एक ग्रुप से दूसरे ग्रुप में शेयर किया गया था।’
गुजरात के एक न्यूज़ पोर्टल मेरा न्यूज.कॉम ने व्हॉट्सएप के वायरल मैसेज को प्रकाशित किया है, जिसकी ख़बर वायरल वायरल होने के बाद जिग्नेश मेवानी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘जिग्नेश मेवानी का एनकाउंटर? यहां उस वेब पोर्टल का लिंक हैं जो व्हॉट्सएप पर हुई बात का खुलासा करता हैं जिसमें दो पुलिसवाले कह रहे हैं कि मेरा अनकाउंटर कैसे किया जा सकता है। क्या आप विश्वास कर सकते हैं?’
Jignesh mevani's encounter?
Here is the link of gujarati web portal which exposes a WhatsApp communication where two top cops are discussing how I could be killed in an encounter. Can you believe this ?https://t.co/qdS8e4iHCe— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) February 23, 2018
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक, रिपोर्टर के साथ टेलीफोन पर हुई बात में जिग्नेश मेवानी ने कहा कि, ‘यह गंभीर मामला है। दो शीर्ष पुलिसवाले संकेत दे रहे हैं कि मैं एनकाउंटर में मारा जा सकता है। मैं डीजीपी, गृह मंत्री और गृह सचिव को शिकायत करने जा रहा हूं।’
जनसत्ता.कॉम की ख़बर के मुताबिक, 18 फरवरी एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें मोवानी पुलिस के साथ बहस करते हुए दिख रहें थे। जिग्नेश मेवानी को अहमदाबाद बंद के शुरू होने से पहले गिरफ्तार कर लिया गया था। मेवानी को वीडियो में कहते हुए सुना जा रहा है- ‘यह तेरे बाप नी जगी छे (तुम्हारे बाप की संपत्ति नहीं है यह)’ और सादा वर्दी पहने पुलिस वालों तो उन्होंने लखोटा कहकर संबोधित किया था, जो उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे थे।
दरअसल, मेवानी ने दलित कार्यकर्ता भानु वानकर की मौत के मामले में विरोध प्रदर्शन करने के उद्देश्य से रविवार (18 फरवरी) को अहमदाबाद बंद का ऐलान किया था। जिग्नेश मेवानी के आह्वान पर सारंगपुर में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के पास दलित एकत्र हुए। इस प्रदर्शन को खत्म करने के लिए पुलिस ने जिग्नेश मोवानी को हिरासत में लिया था।