विधानसभा चुनावों से पहले पाटीदार समुदाय को खुश करने के प्रयास में गुजरात सरकार ने पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ तिंरगे का अपमान करने का आरोप वापस ले लिया है। हार्दिक पर करीब दो साल पहले यह आरोप लगा था।
साथ ही सरकार ने गुरुवार(12 अक्टूबर) को ऐलान किया कि वह ओबीसी आरक्षण के लिए समुदाय द्वारा किये गये आंदोलन के दौरान इसके सदस्यों के खिलाफ दर्ज सभी गैर-गंभीर मामलों को वापस लेगी। हालांकि सरकार ने हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज देशद्रोह के दो मामलों को वापस लेने के बारे में कोई निश्चित आश्वासन नहीं दिया।
राजकोट के जिलाधिकारी विक्रांत पांडे ने बताया कि राज्य सरकार से निर्देश मिलने के बाद उन्होंने हार्दिक के खिलाफ मामला वापस लेने का आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार (गृह मंत्रालय) से प्राप्त निर्देश के अनुसार हमने हार्दिक और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामला वापस ले लिया है। राजकोट जिले में यह मामला दर्ज किया गया था।
जिलाधिकारी ने कहा कि हार्दिक के खिलाफ जिले में एक प्राथिमिकी दर्ज की गई थी। इसके आगे की औपचारिकताएं अदालत में पूरी की जाएंगी। हार्दिक के खिलाफ 19 अक्टूबर, 2015 को तिरंगे का कथित रूप से अपमान करने को लेकर मामला दर्ज किया गया था।
वहीं, पुलिस ने बताया था कि जब हार्दिक 19 अक्टूबर को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एकदिवसीय मैच को बाधित करने खंडेरी क्रिकेट स्टेडियम जा रहे थे, तब वह तिरंगे पर कूदे थे। दरअसल जब वह मीडिया को संबोधित करने की कोशिश में कार पर कूदे थे, तब उनका पैर झंडे को छू गया था। उनके हाथ में तिरंगा था।
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी दी जानकारी
इस बारे में गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी जानकारी देते हुए कहा कि मामलों को वापस लेने के फैसले का आगामी चुनावों से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमने पाटीदार आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज 109 गैर-गंभीर मामलों को पहले ही वापस ले लिया है।
उन्होंने कहा कि प्रक्रिया चल रही है और इस सप्ताह भी 136 और ऐसे मामलों को वापस लिया जाएगा। हम जल्द ही सभी गैर-गंभीर मामलों को भी वापस ले लेंगे। मंत्री ने पिछले दो साल में पाटीदार आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों की सही सही संख्या नहीं बताई।
पटेल ने कहा कि रेलवे ने भी अगस्त 2015 के आरक्षण आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के मामले में प्राथमिकियां दर्ज की थीं, इसलिए प्रदेश के गृह विभाग ने रेल मंत्री से उन मामलों की भी वापसी की अनुमति मांगी है। हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामलों पर सरकार का रुख पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि उन मामलों में निर्णय बाद में लिया जाएगा।
कांग्रेस का सवाल- क्या गुजरात में चुनाव आचार आचार संहिता की घोषणा इसलिए नहीं की गई क्योंकि मोदीजी 16 अक्टूबर को गुजरात दौरे पर जा रहे हैं?
Posted by जनता का रिपोर्टर on Thursday, 12 October 2017