गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारा झटका देते हुए वडोदरा जिले के सावली से पार्टी विधायक केतन इनामदार ने बुधवार (22 जनवरी) को विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
केतन इनामदार का आरोप है कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों ने उन्हें और उनके चुनाव क्षेत्र की उपेक्षा की। इनामदार ने यह भी दावा किया कि भाजपा में बहुत से विधायक उनकी तरह हताश हैं। भाजपा नेता ने कहा कि वह अपनी ही पार्टी के नेताओं और कुछ नौकरशाहों द्वारा अपमानित महसूस कर रहे थे।
इनामदार ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘ऐसा लगता है कि इस सरकार में किसी विधायक का सम्मान और प्रतिष्ठा सुरक्षित नहीं है। मैंने बीजेपी नेताओं और नौकरशाहों के उपेक्षा भरे रवैये के कारण इस्तीफा दिया है। उन्होंने एक चुने हुए प्रतिनिधि को वह सम्मान नहीं दिया जो दिया जाना चाहिए था।’
विधायक ने कहा कि उनके चुनावी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भाजपा के मंत्री और नौकरशाह उनकी बात नहीं सुनते।उन्होंने कहा, ‘मैंने ईमेल के जरिए विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी, मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और राज्य भाजपा अध्यक्ष जीतू वाघानी को इस्तीफा सौंप दिया है।’
भाजपा प्रवक्ता भरत पंड्या ने कहा कि पार्टी का नेतृत्व इनामदार से बात कर मामले को सुलझा लेगा। पंड्या ने कहा, “विधायक ने अपने इस्तीफे का कोई राजनीतिक कारण नहीं दिया है, लेकिन वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुछ नौकरशाहों के मुद्दों को हल नहीं करने से नाखुश हैं।”
इसी बीच, गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धनानी ने कहा कि इस प्रकरण से गुजरात में भाजपा की वर्तमान स्थिति को उजागर कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि, ‘मैं इनामदार को कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव देता हूं।’