गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भले ही विधानसभा चुनाव जीतकर अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो गई हो, लेकिन उसे अभी भी लगातार एक के बाद एक झटकों का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी के दावों के विपरीत पिछली विधानसभा की अपेक्षा के मुताबिक इस बार 99 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के बीच मंत्रिमंडल को लेकर पार्टी के भीतर चले विवाद ने भी बीजेपी की खूब किरकिरी करवाई। अब एक बार फिर से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है।
(HT File Photo)दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मेहसाणा नगरपालिका सीट राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी के हाथ से निकल गई है। रिपोर्ट के मुताबिक एक साल पहले कांग्रेस के जिन 10 पार्षदों ने बीजेपी का दामन थामा था, वहीं अब वे बीेजपी को झटका देते हुए एक बार फिर कांग्रेस का हाथ थाम लिए हैं।
दरअसल कांग्रेस के पाला बदलने वाले पार्षदों की मदद से ही बीजेपी मेहसाणा नगरपालिका पर कब्जा जमाने में सफल रही थी। बीजेपी ने कांग्रेस के रायबेन पटेल को ही अध्यक्ष भी बना दिया गया था। आपको बता दें कि गुजरात में नवंबर, 2015 में नगरपालिका के लिए चुनाव हुए थे। मेहसाणा नगरपालिका में कांग्रेस 44 में से 29 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, जबकि बीजेपी के खाते में मात्र 15 सीटें आई थीं।
कांग्रेस तकरीबन एक साल तक मेहसाणा में सत्ता में रही थी। पिछले साल कांग्रेस के 10 पार्षदों ने पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए थे। इनमें उनके वरिष्ठ नेता रायबेन पटेल भी शामिल थे। बीजेपी ने उन्हें ही नगरपालिका का अध्यक्ष बना दिया था। वहीं बीजेपी के कौशिक व्यास को नगरपालिका की स्थाई समिति का प्रमुख बनाया गया था। लेकिन इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एक बार फिर उन्होंने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया।
दरअसल, मेहसाणा नगरपालिका का गुजरात की राजनीति में बहुत महत्व है, क्योंकि बीजेपी विधायक और राज्य के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में यहां से भारी मतों से जीते थे। इसे नितिन पटेल का गढ़ माना जाता है। एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक उपमुख्यमंत्री ने इस मामले को यह कह कर टाल दिया कि कांग्रेस के पार्षद बीजेपी में कभी शामिल ही नहीं हुए थे।