केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एयर इंडिया एयरलाइंस में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। सरकारी एयरलाइंस में विनिवेश को लेकर सरकार द्वारा बुधवार (28 मार्च) को जारी प्रारंभिक सूचना ज्ञापन में यह जानकारी दी गई है। बता दें कि केंद्र सरकार एयर इंडिया के विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही दे चुकी है. उसके बाद से ही एअर इंडिया को बेचे जाने की कवायद चल रही थी।
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक घाटे में चल रही एयर इंडिया और इसकी दो सब्सिडियरीज में हिस्सेदारी बेचने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने रुचि पत्र (EoI) मंगाए हैं। मेमोरेंडम के मुताबिक, सरकार 76 फीसदी इक्विटी शेयर बेचेने के साथ ही मैनेजमेंट कंट्रोल भी ट्रांसफर करना चाहती है।
इसके मुताबिक, मैनेजमेंट और कर्मचारी भी बोली प्रक्रिया में सीधे या संघ बनाकर हिस्सा ले सकते हैं। विनिवेश प्रक्रिया के लिए Ernst और Young LLP India को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। सूचना ज्ञापन के मुताबिक, लेनदेन में एयर इंडिया के साथ एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयर इंडिया SATS एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है।
50 हजार करोड़ रुपये कर्ज में दबे एयरलाइंस के विनिवेश को जून 2017 में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी (CCEA) से मंजूरी मिली थी। गौरतलब है कि एयर इंडिया के विनिवेश के लिए गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) ने भी यह सुझाव दिया था कि सरकार को एयर इंडिया में 24 फीसद से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं रखनी चाहिए।