जाने माने समाजसेवी अन्ना हजारे ने देश में किसानों की स्थिति को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए बुधवार (7 फरवरी) को कहा कि सरकार किसान की नहीं बल्कि अंबानी, अडानी जैसे उद्योगपतियों के बारे में सोचती है। एक आमसभा को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा कि, ‘‘आज की सरकार किसान के बारे में नहीं बल्कि अंबानी-अडानी जैसे उद्योगपतियों के बारे में सोचती है।’’
फाइल फोटोसमाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया कि, ‘‘मैंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है जिसमें साफ कहा गया है कि किसान को उसकी फसल का दाम नहीं मिलने के लिए सरकार सीधे जिम्मेदार है।’’ उन्होंने बताया कि देश में 70 साल में 12 लाख किसानों ने आत्महत्या की है। हजारे ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी ने सत्ता में आने के बाद लोकपाल विधेयक लागू करने की बात कही थी।
साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त भारत की कल्पना को साकार रुप देने कहा था। लेकिन इसके लिए सिर्फ प्रचार प्रसार किया जा रहा है और हो कुछ नहीं रहा है। सरकार में इच्छाशक्ति की कमी है। उन्होंने जनता का आह्वान किया कि 23 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में वृहद आंदोलन किया जाएगा, जिसमें देश भर के लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि, हमने जब-जब सरकारों के खिलाफ आंदोलन किया है। तब हमें जेल में डाल दिया गया। इसके बाद सरकार गिर गई।
अन्ना ने कहा कि महाराष्ट्र में हमने 2 बार सरकार गिरा दी। हमारे आंदोलन से देश की कांग्रेस सरकार गिर गई। उन्होंने कहा कि उनका मकसद है कि आम जनता को सुविधा मिले, किसानों को उनकी फसल का लाभ मिले। अन्ना ने सरकारी और नेताओं की चुटकी लेते हुए कहा कि पैसे से सत्ता, सत्ता से पैसा कमाना नेताओं का काम है। माल खाए मदारी और नाच नाच करे बंदर जैसी स्थिति है। किसानों को दाम क्यों नहीं मिल रहा है।