लोकसभा चुनाव से पहले गोवा में मंगलवार (26 मार्च) आधी रात एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार में सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) के तीन में से दो विधायक अपनी पार्टी के नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री सुदिन धवलीकर को अकेला छोड़ बीजेपी के पाले में आ गए। यही नहीं, इन दोनों विधायकों ने स्पीकर के सामने बीजेपी में विलय की अर्जी भी दे डाली है।

आधी रात बाद एमजीपी के दो-तिहाई विधायक विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंच गए और कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय करने का फैसला किया है। जिसके बाद महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन में से दो विधायकों ने मंगलवार देर रात एमजीपी विधायक दल का बीजेपी में विलय कर दिया। आधी रात को हुए इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद 40 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी विधायकों की संख्या 12 से बढकर अब 14 हो गई है।
विधायक मनोहर अजगांवकर और दीपक पावस्कर ने गोवा विधानसभा के कार्यवाहक अध्यक्ष माइकल लोबो को मंगलवार देर रात पौने एक बजे पत्र दिया जिसमें एमजीपी विधायक दल के बीजेपी में विलय की बात कही गई है। हालांकि एमजीपी के तीसरे विधायक सुदीन धवलीकर के इस पर हस्ताक्षर नहीं हैं। गोवा की बीजेपी नीत राज्य सरकार में धवलीकर उप मुख्यमंत्री और अजगांवकर पर्यटन मंत्री हैं।
तीन में सें दो विधायकों ने विधायी शाखा का विलय किया है। इसका अर्थ यह हुआ कि वे दल बदल विरोधी कानूनी के दायरे में आने से बच गए हैं, क्योंकि इस कानून के तहत यह अनिवार्य है कि विलय के लिए दो तिहाई सदस्यों की सहमति हो। विधायकों ने मंगलवार को एमजीपी से अलग होकर एमजीपी (दो) समूह बनाया था और अब उन्होंने विधायी इकाई का भाजपा में विलय कर दिया। लोबो ने इस बात की पुष्टि की कि उन्हें विलय के संबंध में देर रात पौने एक बजे पत्र मिला।
MGP MLAs Manohar Ajgaonkar & Deepak Pauskar in a letter to the Speaker of Goa Legislative Assembly: We have agreed to merge Maharashtrawadi Gomantak Legislative Party (MGP) with BJP. Total strength of Legislators of MGP is three members & we constitute 2/3rd of the members. pic.twitter.com/b2JWoX7SEi
— ANI (@ANI) March 26, 2019
उन्होंने बताया कि इस पत्र पर धवलीकर के हस्ताक्षर नहीं हैं। एमजीपी 2012 से गोवा में बीेजपी की गठबंधन सहयोगी रही है। पावस्कर ने कहा कि एमजीपी से अलग होकर एक अन्य धड़ा बनाने का प्रस्ताव उन्होंने और अजगांवकर ने मंगलवार सुबह पांच बजे पारित किया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रस्ताव पारित करने के बाद हमने पत्र लेकर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से संपर्क किया जिन्होंने हमें इसे कार्यवाहक विधानसभा अध्यक्ष माइलक लोबो को देने का निर्देश दिया।’’
पावस्कर ने बताया कि पत्र अंतत: मंगलवार देर रात पौने एक बजे लोबो को सौंपा गया। विधायक ने कहा कि यह निर्णय ‘‘लोगों के हित में लिया गया है।’’ पावस्कर ने कहा, ‘‘मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोग चाहते थे कि मैं बीजेपी में शामिल हो जाऊं। हमने यह बात भी स्वीकार ली है कि हम राज्य में एमजीपी को आगे नहीं लेकर जा सकते।’’ उन्होंने दावा किया कि उन्हें सावंत के नेतृत्व वाली कैबिनेट में मंत्रिपद मिलेगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसी संभावना है कि सावंत बुधवार को धवलीकर को कैबिनेट से हटा सकते हैं। इससे कुछ ही घंटों पहले एमजीपी अध्यक्ष दीपक धवलीकर ने साजिश का हवाला देकर सावंत नीत सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी थी। एमजीपी के अध्यक्ष दीपक धवलीकर ने आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी के एक पदाधिकारी से राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष के नाम ‘एक पत्र जारी कराकर’ उसमें संगठन के समूचे विधायी मामलों पर उनका नियंत्रण घोषित कराया गया।
Michael Lobo, Goa Dy Speaker&BJP MLA on merger of Maharashtrawadi Gomantak Legislative Party with BJP: MGP's legislative wing has split. 2/3rd of MGP legislators formed a separate group&they're merging it with BJP. All formalities as per Constitution of India have been completed. pic.twitter.com/DMszKPanbJ
— ANI (@ANI) March 26, 2019
धवलीकर ने कहा था कि एमजीपी की केंद्रीय समिति बुधवार को बैठक कर भविष्य का अपना कदम तय करेगी। उन्होंने कहा था कि पार्टी के कदम से राज्य सरकार का भविष्य तय हो सकता है। इस विलय पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस की गोवा इकाई के मुख्य प्रवक्ता सुनील कवथंकर ने कहा, ‘‘बीजेपी ने यह साबित कर दिया है कि वह अपने सभी सहयोगियों के लिए खतरा है।’’
बता दें कि गोवा में प्रमोद सावंत के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने पिछले सप्ताह सदन में बहुमत साबित किया था। 40 सदस्यीय विधानसभा में इस समय सदन की संख्या 36 है, जिसमें बहुमत के लिए सरकार को 19 विधायकों का समर्थन चाहिए था। शक्ति परीक्षण के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में सरकार को 20 विधायकों का समर्थन मिला वहीं 15 ने सरकार के खिलाफ वोट किया। सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों में बीजेपी के 11, महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के 3, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के 3 और 3 निर्दलीय विधायक थे, वहीं कांग्रेस के 14 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 1 विधायक ने सावंत सरकार के खिलाफ वोट दिया था।