पाकिस्तान में 10 साल से अधिक समय से रह रही मूक-बधिर भारतीय महिला गीता को जल्द ही वापस भारत लाया जाएगा। सरकार ने इस आशय का ऐलान किया।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, “गीता जल्द ही भारत लौटेगी। हमने उसके परिवार को ढूंढ लिया है। लेकिन, उसे डीएनए टेस्ट के बाद ही इस परिवार को सौंपा जाएगा।”
Geeta will be back in India soon. We have located her family. She will be handed over to them only after the DNA test.#Geeta
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) October 15, 2015
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि गीता को वापस लाने से संबंधित प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। वह बहुत जल्द भारत में होगी।
उन्होंने बताया कि कई परिवारों ने सरकार से संपर्क कर गीता को अपनी बताया है।
सुषमा स्वराज ने ऐसा दावा करने वाले परिवारों के राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखकर कहा है कि वे इस बारे में जांच पड़ताल करा लें कि परिवार के दावे कितने सच्चे हैं।
गीता की उम्र इस वक्त 20 साल है। 11 साल की उम्र में वह अनजाने में पाकिस्तान चली गई थी।
स्वरूप ने कहा कि जांच के बाद तीन परिवारों की फोटो कराची स्थित स्वयंसेवी संस्था ईधी फाउंडेशन को भेजी गई। गीता इसी संस्था के पास रह रही है।
स्वरूप ने कहा, “गीता ने इनमें से एक फोटो को पहचाना है कि वही उसके माता पिता हो सकते हैं। लेकिन, इस बारे में पुख्ता जानकारी डीएनए टेस्ट से ही होगी।”
उन्होंने कहा कि गीता की भारतीय नागरिकता की जांच हो चुकी है। उसे भारत वापस लाने का इस बात से कोई संबंध नहीं है कि उसके अभिभावक मिलते हैं या नहीं।
उन्होंने कहा, “वह भारत की बेटी है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम उसे भारत लाएं। हम उसे बहुत-बहुत जल्द ले आएंगे।”
उन्होंने कहा कि गीता के आने पर उन लोगों का डीएनए टेस्ट होगा जिन्हें गीता ने पहचाना है। अगर डीएनए मिला तो गीता उन्हें सौंप दी जाएगी। अगर नहीं मिला तो हमने दिल्ली और इंदौर में दो संस्थाओं की पहचान की है। गीता को इनमें से किसी एक में अपना अच्छा सा घर मिलेगा।