मध्य प्रदेश के इंदौर में रविवार को एक कॉलेज में गरबा कार्यक्रम से दो छात्रों सहित चार मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया था, जब दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के एक बड़े समूह ने कथित तौर पर कॉलेज में “लव जिहाद” को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए तोड़फोड़ की थी। इन चारों को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ही पुलिस को सौंपा था।
हालांकि, उनमें से एक युवक ने NDTV को बताया कि वह गरबा नहीं कर रहा था बल्कि आयोजकों ने ही उसे वहां मौजूद रहने और व्यवस्था संभालने को कहा था। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, इंदौर के ऑक्सफ़ोर्ड कॉलेज में गरबा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में कॉलेज प्रशासन ने कॉलेज के ही दो मुस्लिम छात्रों को व्यवस्था संभालने की ड्यूटी में तैनात किया था लेकिन बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन पर लव जिहाद का आरोप लगाकर उन्हें पुलिस को सौंप दिया।
कॉलेज के उत्सव में जिस समूह ने हंगामा किया वह बजरंग दल का था, जो राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा से जुड़ा हुआ है। उनके खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके साथ ही पुलिस ने कॉलेज पर कोविड मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया है।
पुलिस ने कहा कि ऑक्सफोर्ड कॉलेज में झड़पों के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी और बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। एक मजिस्ट्रेट ने अदनान शाह, मोहम्मद उमर, अब्दुल कादिर और सैयद साकिब को 50,000 रुपये के बांड जमा करने के बाद रिहा करने का आदेश दिया। गिरफ्तार किए गए लोगों और उनके परिवारों का कहना है कि उन्हें उनके नाम के आधार पर निशाना बनाया गया, भले ही उन्होंने अपनी कॉलेज आईडी दिखाई हो।
जमानत पर छूटे 21 वर्षीय अदनान शाह का कहना है कि उन्हें गरबा कार्यक्रम आयोजित करने वाली समिति ने स्वयंसेवा करने के लिए कहा था। वह छात्रों को साइकिल स्टैंड पर अपने वाहन पार्क करने में मदद कर रहे थे, तभी बजरंग दल के सदस्यों ने कथित तौर पर धावा बोल दिया।
इंदौर के ऑक्सफोर्ड कॉलेज में बी.कॉम द्वितीय वर्ष के छात्र अदनान शाह ने बताया, “छात्रों में से कुल 25 स्वयंसेवक बनाए गए थे और मैं उनमें से मैं भी एक था। मेरी ड्यूटी साइकिल स्टैंड पर थी। प्रोग्राम में अचानक 100 से 150 के बीच लोग कॉलेज के अंदर आ गए और हंगामा करने लगे। उनमें से कुछ ने मेरा नाम पूछा और जब मैंने उन्हें अपना नाम बताया तो उन्होंने मुझे एक तरफ हटने के लिए कहा। जब मैंने उन्हें अपना आईडी कार्ड दिखाया तो उन्होंने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है, तुम यहाँ क्यों हो?”
इस दौरान बजरंग दल के सदस्यों ने “लव जिहाद” का आरोप लगाया। बजरंग दल के एक नेता तरुण देवड़ा ने पुलिस शिकायत में कहा कि जिला प्रशासन ने कार्यक्रम में केवल 800 की अनुमति दी थी, लेकिन आयोजकों ने टिकट बेचकर इसे एक व्यावसायिक कार्यक्रम में बदल दिया। उन्होंने कॉलेज पर नवरात्र के दौरान आयोजित गरबा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए “मुसलमानों को प्रोत्साहित करने” का भी आरोप लगाया।
अदनान शाह के रिश्तेदार साजिद शाह ने घटना पर रोष जताते हुए कहा, “हमारे बच्चों को गरबा समारोह में व्यवस्था संभालने के लिए कॉलेज ने आमंत्रित किया था, लेकिन उन पर लव जिहाद का आरोप लगाकर उन्हें हवालात पहुंचा दिया गया। क्या इस देश का संविधान मुस्लिम बच्चों को उनके कॉलेज में समारोहों में शामिल होने की अनुमति नहीं देता है?”
इस बीच, कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में कॉलेज पर जुर्माना लगाया गया है। पुलिस ने कहा है कि अल्पसंख्यक समुदाय के सभी चार युवकों को एहतियातन हिरासत में लिया गया था। यह वाकया इस मामले पर कॉलेज प्रबंधन की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
इंदौर के एडिशनल एसपी प्रशांत चौबे ने कहा, “जब हम मौके पर पहुंचे, तो वहां करीब 5,000 लोग जमा हो गए थे। कार्यक्रम स्थल पर शांति बनाए रखने के लिए हमने 4 युवाओं को गिरफ्तार किया है और कॉलेज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।” हालांकि, पुलिस ने बजरंग दल के सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जिन्होंने कॉलेज में गरबा कार्यक्रम को बाधित किया था।
गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक के रिश्तेदारों ने एनडीटीवी को बताया कि समारोह के लिए युवकों को कॉलेज में आमंत्रित किया गया था और फिर उन्हें ले जाया गया और तथाकथित “लव जिहाद” करने का आरोप लगाया गया। एक रिश्तेदार साजिद शाह ने कहा, “क्या इस देश का संविधान मुस्लिम बच्चों को उनके कॉलेज में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने की इजाजत नहीं देता है।”
मध्य प्रदेश में यह कोई इकलौती घटना नहीं है, जहां इस नवरात्रि में त्योहारों पर सांप्रदायिक रंग चढ़ाने की कोशिश हुई हो। इससे पहले पूरे रतलाम में नवरात्रि समारोह में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर बैन से जुड़े पोस्टर लगाए गए थे। पुलिस ने उस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की।