हॉलीवुड के फिल्मकार हार्वे वाइंस्टीन के खिलाफ यौन शोषण का मामला अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित होने के बाद से विश्व भर की महिलाएं खामोशी तोड़ते हुए ‘मी टू’ अभियान के जरिए अपनी-अपनी बाते खुलकर रख रही हैं। इस अभियान के जरिए कई बॉलीवुड अभिनेत्रियां भी खुलकर सामने आई हैं। विशेषकर तनुश्री दत्ता के विवाद के बाद से ‘मी टू’ अभियान काफी तेजी के फैल रहा है।
इस बीच ‘क्वीन’ फिल्म के निर्देशक विकास बहल पर एक महिला द्वारा यौन शोषण के सनसनीखेज आरोप लगाए जाने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही है। इस मामले में उनके साथ फिल्म में काम कर चुकी बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने महिला का समर्थन किया है। सभी मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखने के लिए पहचानी जाने वाली कंगना ने आरोप लगाया है कि ‘क्वीन फिल्म के निर्देशक विकास बहल ने उन्हें कई मौकों पर असहज महसूस कराया था।
सोनम बोलीं- कंगना के आरोपों को गंभीरता से लेना मुस्किल
हालांकि कंगना के आरोपों पर अभिनेत्री सोनम कपूर ने ऐसा बयान दिया है जिससे दोनों के बीच वाक युद्ध शुरू हो गया है। दरअसल, सोनम कपूर का मानना है कि कंगना के आरोपों को गंभीरता से लेना मुश्किल है। सोनम ने कहा कि जो भी हुआ वह बहुत ही निराशाजनक और भद्दा था। सोनम से जब कंगना रनौत के विकास बहल पर लगाए आरोपों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह (कंगना) काफी कुछ कहती है और कई बार उन्हें सीरियसली लेना भी मुश्किल हो जाता है। हालांकि, सोनम ने साथ ही यह भी कहा कि वह कंगना के साहस से काफी प्रभावित हैं।
कंगना का पलटवार
हालांकि, सोनम कपूर के इस बयान के बाद कंगना को यह बिल्कुल रास नहीं आया है कि सोनम ने उनके बारे में यह बात क्यों कही कि कभी-कभी उन पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है। कंगना रनौत को गंभीरता से न लेने के मुद्दे पर फौरन कंगना का जवाब भी आ गया है। कंगना ने सोनम की टिप्पणी पर कहा है कि उनका यह कहने से क्या मतलब है कि कंगना पर यकीन करना मुश्किल है।
कंगना ने कहा, ‘तो सोनम कपूर को इस बात का लाइसेंस मिल गया है कि वह कुछ महिलाओं पर भरोसा करें और कुछ पर नहीं? मेरे दावों पर भरोसा न करने वाली वह कौन होती हैं? मैं अपने डैड की वजह से नहीं जानी जाती हूं। बरसों तक स्ट्रगल के बाद मैंने लोगों का यह भरोसा पाया है।’ कंगना ने आगे कहा कि मेरी पहचान साफ-साफ बात कहने के लिए है। कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में मैंने अपने देश का प्रतिनिधित्व किया है। इन समिट्स में मुझे युवा अगुआ के तौर पर पहचान दी गई है।
उन्होंने आगे कहा कि मेरी पहचान मेरे पिता की वजह से नहीं है, मैंने यह पहचान और विश्वसनीयता सालों के संघर्ष बाद खुद हासिल की है। उनकी पहचान न तो अच्छी एक्ट्रेस के तौर पर है और न ही वह अच्छी वक्ता के तौर पर ही पहचानी जाती हैं। इन फिल्मी लोगों को मेरी बात पर चुटकी लेने का अधिकार कैसे मिला। मैं इन सबको भी बेनकाब कर दूंगी जैसे मैंने कुछ बेवकूफ लोगों को किया है।
‘मुझे कसकर पकड़ लेते और मेरे बालों को सूंघते थे’
दरअसल, सभी मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखने के लिए पहचानी जाने वाली कंगना ने आरोप लगाया है कि ‘क्वीन फिल्म के निर्देशक विकास बहल ने उन्हें कई मौकों पर असहज महसूस कराया था।कंगना का यह बयान प्रोडक्शन हाउस ‘फैंटम फिल्म्स’ की एक महिला कर्मचारी द्वारा फिल्म निर्देशक पर छेड़छाड़ का आरोप फिर से लगाए जाने के बाद आया है।
दरअसल, ‘फैंटम फिल्म्स’ की एक महिला कर्मचारी ने पिछले साल आरोप लगाया था कि निर्देशक विकास बहल ने उसके साथ गोवा की यात्रा के दौरान अनुचित तरीके से व्यवहार किया। बहल पहले फैंटम फिल्म्स में अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवानी और मधु मंतेना के साथ साझेदार थे।
हफपोस्ट इंडिया में हाल ही में छपे एक आलेख में महिला ने अपने आरोपों को दोहराते हुए उस घटना के संबंध में विस्तृत जानकारी साझा की थी। कंगना ने एक बयान में कहा, ‘मैं पूरी तरह से उस पर (महिला) विश्वास करती हूं। हम जब 2014 में ‘क्वीन फिल्म की शूटिंग कर रहे थे उस वक्त शादीशुदा होने के बावजूद भी बहल मेरे सामने यह शेखी बघारते थे कि वह रोज-रोज एक नई लड़की के साथ रिलेशन बनाते थे।’
कंगना ने कहा, ‘हम जब कभी भी मिलते थे वह मेरी गर्दन पर अपना चेहरा रखकर मुझे कसकर पकड़ते थे और मेरे बालों को सूंघते थे। मुझे उन्हें हटाने में काफी जोर लगाना पड़ता था।’ आपको बता दें कि ‘बॉम्बे वेलवेट’ के प्रमोशन टूर के दौरान क्रू का हिस्सा रही एक महिला ने आरोप लगाया है कि विकास बहल ने उनके साथ छेड़छाड़ की थी। फिल्म निर्माता हंसल मेहता और पटकथा लेखक अपूर्व असरानी फिल्म उद्योग के ऐसे लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने विकास बहल की निंदा की है।
खुलकर सामने आ रही हैं महिलाएं
आपको बता दें कि तनुश्री दत्ता के नाना पाटेकर पर आरोप लगाने और यौन उत्पीड़न पर खुलकर बोलने के बाद, महिलाओं की ऐसी कई और आवाजें सोशल मीडिया पर बुलंद होने लगी हैं। अब महिला पत्रकार भी उन औरतों में शामिल हो गई हैं जिन्होंने सोशल मीडिया पर अपने यौन उत्पीड़न के अनुभव लिखने शुरू कर दिए हैं। यौन उत्पीड़न, यानी किसी के मना करने के बावजूद उसे छूना, छूने की कोशिश करना, यौन संबंध बनाने की मांग करना, सेक्सुअल भाषा वाली टिप्पणी करना, पोर्नोग्राफी दिखाना या कहे-अनकहे तरीके से बिना सहमति का सेक्सुअल बर्ताव करना होता है।
इन दिनों फिल्म, मीडिया और इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़ी हस्तियों पर लगे यौन प्रताड़ना के आरोप से सोशल मीडिया पर चर्चा गर्म है। #MeToo और #TimesUp अभियान के तहत भारतीय महिलाएं आपबीती बता रही हैं। इसमें अपने साथ हुए दुर्व्यवहारों और प्रताड़ना को सोशल मीडिया पर साझा कर रही हैं। सोशल मीडिया पर ये महिलाएं कुछ सबूत भी पेश कर रही हैं। इन आरोपों के बाद यह बहस तेज हो गई है कि कैसे किसी ऑर्गेनाइजेशन या दफ्तर के भीतर ही सारी चीजें घटित हो रही हैं और किसी को भनक तक नहीं लग रही। यौन उत्पीड़न के आरोपों से जुड़े कई संस्थानों ने अब कार्रवाई की बात कही है।