देश के पूर्व प्रधानमंत्री और जाने-मोन अर्थशास्त्री डा. मनमोहन सिंह ने दावा किया कि नोटबंदी के ठीक बाद जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करने से अर्थव्यवस्था धीमी पड़ गई है। मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि फिलहाल अर्थव्यवस्था इस स्थिति से बाहर आते हुए नहीं दिखाई दे रही है।
न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ की ओर से आयोजित एक सभा में मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा और 1,000 एवं 500 रुपये के नोट चलन से बाहर किए जाने के फैसले को ‘बड़ी, ऐतिहासिक भूल’ करार दिया।
साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जल्दबाजी में जीएसटी लागू कर लोगों पर नया बोझ डाल दिया। इसके साथ ही मनमोहन सिंह ने देश के वाम दलों का आह्वान किया कि वे केंद्र की भाजपा सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर लड़ने में कांग्रेस नेतृत्व के साथ सहयोग करें।
बता दें कि, इससे पहले मंगलवार(7 नवंबर) को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी और जीएसटी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला था। नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए मनमोहन सिंह ने इसे देश के इतिहास की सबसे बड़ी लूट बताया है।
सिंह ने कहा था कि नोटबंदी और जीएसटी छोटे कारोबारियों के लिए बुरे सपने की तरह, आम लोगों को इससे काफी परेशानी हुई। उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटबंदी का जो मकसद बताया वह पूरा नहीं हुआ, कालेधन वालों को पकड़ा नहीं जा सका।
वहीं बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर भी हमला बोलते हुए मनमोहन ने कहा था कि गुरूर के चलते बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का फैसला लिया गया। क्या प्रधानमंत्री ने मौजूदा रेलवे ट्रैक्स को अपग्रेड कर हाई स्पीड ट्रेन जैसे विकल्पों पर विचार किया था?
सिंह ने पूछा कि क्या बुलेट ट्रेन पर सवाल उठाने से कोई विकास विरोधी और GST-नोटबंदी पर सवाल उठाने से कोई टैक्स चोर हो जाता है। उन्होंने कहा कि हर किसी को चोर और राष्ट्रविरोधी मानने का रवैया लोकतंत्र की बुनियाद के लिए खतरा है।