गुजरात सीआईडी ने बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को गिरफ्तार कर लिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक गुजरात सीआईडी ने संजीव भट्ट को 1998 के पालनपुर ड्रग प्लांटिंग केस में गिरफ्तार किया है। 1998 में दर्ज एक केस में हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक एक वकील को झूठे मामले में फंसाने को लेकर भट्ट समेत 7 लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है।
बताया जा रहा है कि संजीव भट्ट को 1998 में पालनपुर में मादक पदार्थों की खेती के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। 1998 में संजीव भट्ट बनासकांठा के डीसीपी थे। रिपोर्ट के मुताबिक संजीव भट्ट के अलावा छह अन्य लोगों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। सीआईडी क्राइम ने कहा है कि इन सभी लोगों को साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।
#UPDATE: CID (Crime) of Gujarat has arrested dismissed IPS officer Sanjiv Bhatt in connection with 1998 Palanpur drug planting case. pic.twitter.com/IpYCdZBvMa
— ANI (@ANI) September 5, 2018
भट्ट को 1998 के एक फेक नार्कोटिक्स मामले में एक वकील को झूठे तरीके से फंसाने के आरोप में पहले हिरासत में लिया गया फिर बाद में गिरफ्तार कर लिया गया है। भट्ट को गुजरात हाईकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि फिलहाल गुजरात सरकार ने 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को बर्खास्त कर दिया गया है।
गुजराज के सीआईडी के महानिदेशक ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है और कहा है कि भट्ट से सीआईडी के गांधीनगर कार्यालय में पूछताछ की गई है। उन्होंने कहा कि भट्ट को आज ही पालनपुर की एक अदालत में पेश किया जाएगा। वहीं संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट ने बीबीसी गुजराती को बताया कि उनके पति को सुबह पुलिस घर से ले गई थी।
संजीव भट्ट गुजरात काडर के आईपीएस अधिकारी हैं जिन्होंने 2002 में गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे। भट्ट को गुजरात सरकार ने साल 2015 में ही बर्खास्त कर दिया है। भट्ट को अहमदाबाद में सरकारी गाड़ी और पुलिस कमांडो का इस्तेमाल करने की वजह से बर्खास्त किया गया है।
भट्ट गुजरात दंगों के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध को लेकर चर्चा में रहे हैं। बर्खास्तगी के पीछे गुजरात सरकार ने अनुशासनहीनता को आधार बनाया था। भट्ट सोशल मीडिया पर मौजूदा प्रधानमंत्री और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की गाहे-बगाहे आलोचनाओं के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं।