अवैध हथियार रखने के आरोप में दो दिन पहले पटना हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बाहर आई पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने शनिवार (16 मार्च) को मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की। लोकसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार से मंजू वर्मा की मुलाकात को लेकर कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। जेल से बाहर निकलने के बाद मंजू वर्मा की नीतीश से यह पहली मुलाकात है।
File Photo: PTIबताया जाता है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में सत्ताधारी जदयू अध्यक्ष से मिलने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर नेताओं की चहल-पहल शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मंजू वर्मा के अलावा करीब आधा दर्जन नेताओं ने मुलाकात की। जदयू अध्यक्ष से मुलाकात के बाद पत्रकारों ने जब वर्मा से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
Patna: Former Bihar Minister Manju Verma who was granted bail by Patna High Court in connection with Arms Act case linked to Muzaffarpur Shelter Home Case, reaches CM Nitish Kumar's residence. #Bihar pic.twitter.com/utlaO3uOCG
— ANI (@ANI) March 16, 2019
बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने आर्म्स एक्ट एक मामले में बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को मंगलवार (12 मार्च) को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने वर्मा द्वारा दायर जमानत याचिका पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद उन्हें जमानत दे दी। मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 34 लड़कियों के यौन उत्पीड़न मामले की जांच के तहत सीबीआई की छापेमारी के दौरान मंजू के घर से कारतूस बरामद होने के मामले में वह बेगूसराय जिला की एक जेल में कैद थीं।
यूजर्स के निशाने पर आए सीएम
सीएम नीतीश कुमार का मंजू वर्मा से मिलना सोशल मीडिया यूजर्स को रास नहीं आया है। ट्विटर पर लोगों ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए इस मुलाकात को ‘शर्मनाक’ करार दिया है। एक यूजर्स ने लिखा है, “वाह जेल से छूटते ही सीधे मुख्यमंत्री जी से मिलने पहुंच गई। नाबालिग बच्चियों के साथ हुए संगीन अपराधों की आरोपी मुख्यमंत्री जी से मिलने जा रही हैं। ये कैसा रिश्ता है? पहले गिरफ्तारी में रोड़ा अटकाते रहे, अब भी साथ नहीं छूट रहा।”
देखिए, लोगों के रिएक्शन:
वाह जेल से छूटते ही सीधे मुख्यमंत्री जी से मिलने पहुंच गई। नाबालिग बच्चियों के साथ हुए संगीन अपराधों की आरोपी मुख्यमंत्री जी से मिलने जा रही है।
ये कैसा रिश्ता है? पहले गिरफ्तारी में रोड़ा अटकाते रहे अब भी साथ नहीं छूट रहा।— Abhijeet/अभिजीत/ابیجیت (@abhijeetmanjul) March 16, 2019
सीबीआई ने पिछले साल 18 अगस्त को बेगूसराय के अर्जुन टोला गांव स्थित मंजू के ससुराल से 50 कारतूस बरामद होने पर मंजू और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। आर्म्स एक्ट के इस मामले में चंद्रशेखर और मंजू ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था और तभी से दोनों न्यायिक हिरासत में हैं।
अपने पति चंद्रशेखर वर्मा की मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से नजदीकी रहने की बात सामने आने पर मंजू ने पिछले साल 8 अगस्त को समाज कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उल्लेखनीय है सरकारी सहायता प्राप्त उक्त बालिका गृह का संचालन बृजेश ठाकुर की स्वयंसेवी संस्था ‘सेवा संकल्प विकास समिति’ द्वारा किया जा रहा था।
चिकित्सकीय जांच में आश्रय गृह की 42 में से 34 पीड़िताओं के यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई। टीआईएसएस की ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि आश्रय गृह की कई लड़कियों ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी। ठाकुर समेत 11 लोगों के खिलाफ 31 मई को प्राथमिकी दर्ज की गई। बाद में इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।