देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल ने बताया कि अगर गूगल उनके नौकरी के आवेदन को रिजेक्ट नहीं करता, तो फिर इसकी शुरुआत नहीं होती। बिन्नी ने सचिन बंसल के साथ भारत की सबसे सफल ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट की स्थापना की।
एक कार्यक्रम में खुलासा करते हुए बिन्नी बंसल ने कहा कि उन्होंने 2005 और 2006 के बीच गूगल में दो बार नौकरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन किसी कारण उनके आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया। इसके बाद कुछ बड़ा करने की ठानी और फ्लिपकार्ट बना दी। बिन्नी का कहना है कि अगर गूगल उनके नौकरी के आवेदन को रिजेक्ट नहीं करता, तो फिर इसकी शुरुआत नहीं होती।
गूगल में नौकरी नहीं मिलने के बाद 2006 में बिन्नी अमेजन में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गए। सचिन बंसल (फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर) के रेफरेंस से उन्हें नौकरी मिली।
इससे जुड़ा दिलचस्प किस्सा सुनाते हुए बिन्नी ने कहा, मेरा रेफरेंस देने के लिए सचिन को अमेजन से बोनस के तौर पर मोटी रकम मिली थी, लेकिन 8 महीने बाद ही मैंने नौकरी छोड़ दी जिसका खामियाजा सचिन को भुगतना पड़ा था। ऐसा इसलिए क्योंकि सचिन को बोनस में मिला सारा पैसा वापस करना पड़ा था। सचिन और बिन्नी ने मिलकर अमेजन में साथ काम करते हुए फ्लिपकार्ट की प्लानिंग की और 2007 में इसे लॉन्च कर दिया।
साथ ही उन्होंने बताया कि पत्नी को फ्लिपकार्ट से खरीदारी के लिए राजी करना उनकी लिए बड़ी चुनौतियों में से एक है। हर रोज वे बिगबास्केट से फल और सब्जियां खरीदती हैं और मैं कहता हूं कि फ्लिपकार्ट के नए फीचर्स ट्राई करो।