उत्तर प्रदेशः महिला अधिकारी का 13 साल में 17वीं बार तबादला, अकेले योगी सरकार में 10वां ट्रांसफर

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उत्तर प्रदेश में एक महिला अधिकारी का 17वीं बार तबादला होने जा रहा है, जिस पर अब विवाद छिड़ गया है। मेरठ में तैनात एक महिला पीसीएस (निचले) अधिकारी को एक साल लंबे कार्यकाल के बाद ‘जनहित’ में स्थानांतरित किया जा रहा है। यह उनका 13 साल की नौकरी में 17वां तबादला है। ताजा तबादले के पीछे सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम और उनके बीच हुई अनबन को बताया जा रहा है।

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अधिकारी अमिता वरुण को उनके 13 साल के करियर में 17वीं बार स्थानांतरित किया जा रहा है। वरुण साल 2007 के बैच की अधिकारी हैं और पिछले साल सितंबर से मेरठ के सरधना नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) के रूप में सेवारत हैं। समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन सालों में अमिता को उनकी कार्यशैली के मद्देनजर कम से कम 10 बार स्थानांतरित किया जा चुका है, जिसमें स्थानीय राजनेताओं संग उनके वाद-विवाद शामिल रहे हैं। रविवार की रात को उन्हें बुलंदशहर के जहांगीराबाद में स्थानांतरित कर दिया गया।

बार-बार तबादलों से परेशान प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) अधिकारी ने साल 2018 में इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। यहां दो न्यायाधीशों की एक पीठ ने उनके तबादलों के सिलसिले पर गौर फरमाते हुए इसे “सत्ता का खेल करार दिया था।” इसके बाद कोर्ट ने कहा था, “हमें पिछले रिकॉर्डो से ऐसा कुछ भी नहीं मिला है कि याचिकाकर्ता (वरुण) किसी भी तरह के भ्रष्टाचार में शामिल रही हैं।”

सरधना में वरुण के कार्यकाल के दौरान 22 सितंबर को दिल का दौरा पड़ने की वजह से एक संविदा कर्मचारी अजय छाबड़ा की मौत हो गई थी, जिसके बाद वह विवादों से घिर गई थीं।

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